Patrician College of Arts and Science
इन दिनों कई तरह के साइबर अपराध होते हैं, जिनके प्रति जागरूक होना इस नवीन पीढ़ी के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। साइबर अपराध में एक बार फंस जाने पर विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है। इसलिए इन नेतृत्व करने वाले विद्यार्थियों की जिम्मेदारी बन जाती है कि वे स्वयं भी इस के लिए जागृत रहें और अन्य विद्यार्थियों को भी जागरूक बनाएं। राज्य साइबर कमांड सेंटर की पुलिस उपाधीक्षक सेल्वी एम. लिशा ने यह बात कही। वे पैट्रिशियन कॉलेज में आयोजित छात्र परिषद का पदक वितरण समारोह व नवागंतुक विदयार्थियों के स्वागत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी। लिशा ने अपने अनुभव साझा किए।
उन्होंने कहा कि देश भर में इसके लिए 1930 नंबर भी जारी किया गया है जिस पर साइबर अपराध संबंधी शिकायत दर्ज की जा सकती है। कई लोग भय के कारण शिकायत दर्ज नहीं कराते जिससे ऐसे अपराध करने वालों की हिम्मत बढ़ती जाती है। ऐसे अनेक अपने जीवन संबंधी उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि वे एक बहुत छोटे से गाँव से हैं, उच्च शिक्षा और पुलिस बनने के रास्ते में बहुत बाधाएं आईं। उन्होंने स्वयं काम करके शिक्षा पूरी कर इस पद को पाया है। इसलिए अपनी सोच को दृढ़ और ऊँचा रखकर ही अपने लक्ष्य को पाया जा सकता है। उन्होंने छात्र-परिषद के समस्त चुने गए विद्यार्थियों को पदक वितरित किए। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. उषा जॉर्ज ने पदक धारकों को अपने उत्तरदायित्व के पूर्ण निर्वहन की शपथ दिलाई और बधाई दी।
छात्र परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर अमेण्डा और कनगा दुर्गा के चुने जाने पर वे प्रसन्न थीं। प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के स्वागतार्थ वरिष्ठ छात्रों ने भाषा के दायरे से ऊंचा उठकर हिन्दी और तमिल में नृत्य तथा एकांकी प्रस्तुत किए। प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम देकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रवक्ताओं के साथ अकादमिक निदेशक डॉ. फातिमा वसन्त, प्राचार्य, उप प्राचार्य, समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष डॉ. दिव्या, डॉ. आनंदप्रिया, डॉ. लक्ष्मी, डेनियल, धर्मेन्दर, पृथ्वीराज, डॉ.रविता भाटिया समेत अन्य प्रोफेसर उपस्थित थे।