नोकिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और इंडिया मार्केट के प्रमुख संजय मलिक ने कहा, हमारी चेन्नई फैक्ट्री भारत की मैन्यूफेक्चरिंग क्षमताओं के लिए एक मानक के रूप में उभरी है, जो भारत और दुनिया के बाकी हिस्सों में ऑपरेटरों के लिए टेलीकॉम टेक्नोलॉजी की एक पूरी श्रृंखला लेकर आई है। साथ ही यह हमें भारतीय ऑपरेटरों का सपोर्ट करने में भी मदद करेगा क्योंकि वे भी 5 जी लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं।
600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश
2008 में चेन्नई में आने के बाद से नोकिया ने मैन्यूफेक्चरिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं विकसित करने में 600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इसकी फैक्ट्री और सेटअप 1.4 लाख वर्ग मीटर में फैला हुआ है। कंपनी ने दावा किया है कि चेन्नई फैक्ट्री ने इन सालों के दौरान टेलीकॉम नेटवर्क उपकरणों की 50 लाख से ज्यादा यूनिट बनाईं हैं।
एयरटेल की नोकिया के साथ डील
इसी साल अप्रेल में भारती एयरटेल ने देश में नौ सालों में फिनिश मेजर 5 जी-तैयार सॉल्यूशन लगाने के लिए नोकिया के साथ 1 बिलियन डॉलर (लगभग 7,636 करोड़ रुपए) की डील की है। 2022 तक नोकिया भविष्य में उन सर्कल में कई स्पेक्ट्रम बैंड में 3 लाख रेडियो इकाइयों को तैनात करके भविष्य में 5जी कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने में मदद करेगा। नोकिया की नई रिसर्च के मुताबिक 2030 तक 5जी इण्डस्ट्रीज में ग्लोबल जीडीपी में 8 ट्रिलियन डॉलर का योगदान देने की क्षमता है।
भारत में 5जी सेवाओं की शुरुआत स्पेक्ट्रम की नीलामी पर निर्भर
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इन उपकरणों को उन देशों में भेजा जा रहा है जो अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी को शुरू करने के अग्रिम चरण में हैं। भारत में 5जी सेवाओं की शुरुआत स्पेक्ट्रम की नीलामी पर निर्भर करेगी, क्योंकि दूरसंचार ऑपरेटरों को देश में 5जी सेवा शुरू करने के लिए अनुकूल वायरलेस फ्रीक्वेंसी की जरूरत होगी।