प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से कहा है कि चीन के साथ मतभेद को झगड़े की वजह नहीं बनने दिया जाएगा। महाबलीपुरम में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत और चीन को आर्थिक शक्ति बताया। कहा कि पिछले दो हजार सालों के अधिकांश कालखंड में भारत और चीन दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्तियां रही हैं। हम आपसी मतभेद को झगडे की वजह नहीं बनने देंगे।
मतभेद को आपसी सहमति से सुलझाएंगे
अब इस शताब्दी में हम फिर से साथ-साथ उस स्थिति को प्राप्त कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल चीन के शहर वुहान में हमारे इनफॉर्मल समिट से हमारे संबंधों में गर्मजोशी आई है। दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी बढ़ी है। पीएम ने कहा कि हमने तय किया था कि हम मतभेद को आपसी सहमति से सुलझाएंगे करेंगे और इसे विवाद नहीं बनने देंगे, एक दूसरे की चिंताओं के बारे में संवेदनशील रहेंगे और हमारे संबंध विश्व में शांति और स्थिरता के कारक होंगे।
रात्रिभोज के दौरान ढाई घंटे चली वार्ता
इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्राचीन तटीय शहर माहाबलीपुरम के भव्य ‘शोर मंदिर’ परिसर में रात्रिभोज के दौरान ढाई घंटे चली अपनी वार्ता में आतंकवाद और कट्टरपंथ की चुनौतियों का मिलकर सामना करने का संकल्प लिया।
व्यापार एवं आर्थिक मामलों पर चर्चा
विदेश सचिव विजय गोखले ने देर शाम संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दोनों नेताओं ने निवेश के नए क्षेत्रों को पहचानने, व्यापार बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार की अहमियत पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापार एवं आर्थिक मामलों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यापार घाटे और व्यापार में असंतुलन पर भी बातचीत की।