अपराध के कारण जानकारों का मानना है कि इंटरनेट पर उपलब्ध अश्लील सामग्रियां वर्क प्लेस पर यौन उत्पीड़न के मामलों को हवा दे रही हैं। शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में भी रेप और मोलेस्टेशन के बढ़ते मामले दूषित मानसिक सोच को प्रतिबिबित करते हैं। तमिलनाडु में अन्य राज्यों की तुलना में महिला सुरक्षा की अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति की वजह यहां पुलिस का चौकन्ना रहना है। मामला दर्ज करने के साथ ही शुरुआती कार्रवाई में पुलिस की तत्परता अवश्य नजर आती है लेकिन विडबना यह है कि जिस तरह आगाज होता है, उसी तरह का अंजाम नहीं मिल पाता।
406 महिलाओं के साथ बलात्कार दुखद पहलू यह है कि 2021 से 2023 के बीच बलात्कारों की संया कमोबेस वही रही। 2023 में रेप केसों की संया 406 थी जबकि इससे पूर्व के दो सालों में 442 केस रिपोर्ट हुए। महिलाओं के उत्पीड़न मामले इन सालों में लगातार बढ़े हैं जो ज्यादा चिंताजनक हैं।