भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (आईआईटी-एम) स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपए का नवोन्मेष एवं उद्यमिता कोष स्थापित करेगा। संस्थान की ओर से कहा गया कि वह यह सुनिश्चि करने की भी योजना बना रहा है कि उसके कम से कम पांच उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सलेंस) अपने-अपने क्षेत्र में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तीन स्था बनाएं।
संस्थान ने बताया कि यह उसके उन प्रमुख लक्ष्यों में शामिल है जिन्हें उसने अपने लिए वर्ष 2022-27 की रणनीतिक योजना के तहत निर्धारित किया है। आईआईटी-एम ने कहा कि वह दो दशकों से अधिक समय से समय-समय पर रणनीतिक योजनाओं को बनाकर उनका पालन कर रहा है।
इस योजना के अंत तक संस्थान अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए अपनी अवसंरचना को पर्याप्त रूप से उच्चीकृत और विकसित कर देगा। आईआईटी-एम के दूसरे परिसर का नाम डिस्कवरी परिसर है जो मुख्य परिसर से 36 किलोमीटर दूर स्थित है। डिस्कवरी परिसर में अधिक संख्या में विशेषीकृत विश्व स्तरीय शोध सुविधाएं होंगी।
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर वी कामकोटि ने कहा, अगले पांच सालों में हम आईआईटी-एम के जिस रूप को साकार करना पसंद करेंगे उनमें विभिन्न प्रकार के संकाय, विद्यार्थियों और स्टाफ का समूह होगा जो राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फंडामेंटल एवं ट्रांसलेशनल शोध में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।