चेन्नई मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एस बालचंद्रन ने कहा, 26 और 27 नवंबर को मजबूत निचले स्तर का अभिसरण तंत्र गुरुवार को कमजोर हुआ है। इस कमजोर पैटर्न से बादलों का निर्माण नहीं हो सका जिसकी वजह से चक्रवाती तूफान की संभावना कम हो गई है। हालांकि अभी भी गहरा दबाव बना हुआ है।
चेन्नई और राज्य में बारिश बालचंद्रन ने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह 30 नवंबर को तट पार कर जाएगा। चेन्नई में बारिश होगी और यह धीरे-धीरे बढ़ेगी। तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में पहले से ही “तेज हवाएं” चलनी शुरू हो गई हैं, जो तब तक जारी रहेंगी, जब तक कि लो प्रेशर एरिया तट से नहीं सट जाता। महानगर में भी दिन में हवाओं का जोर दिखा। लैंडफॉल के वक्त 50 से 70 किमी की गति से हवाएं चलेंगी। यह सिस्टम पूरे राज्य में बारिश को प्रभावित करेगा। मध्य और उत्तरी तमिलनाडु के अधिकांश हिस्सों में मध्यम बारिश होने की संभावना है। चेंगलपेट और विल्लुपुरम जैसे जिलों में 29 नवंबर को अत्यधिक बारिश होगी।
अभी तक क्यों नहीं आया चक्रवात
बालाचंद्रन के अनुसार, गहरे दबाव का क्षेत्र अभी तक चक्रवात में नहीं बदला है, क्योंकि इसके लिए कोई जरूरी परिस्थितियां नहीं बन पाईं। वायुमंडल में, चक्रवात तब बनता है जब निचले और ऊपरी हिस्से समुद्र के ऊपर संरेखित होते हैं। यदि एक हिस्सा दूसरे से अधिक मजबूत है और लगातार बदलता रहता है, तो यह बादलों के गठन में मदद नहीं करेगा और सिस्टम को आवश्यक गति प्राप्त करने से रोकेगा। अभी भी गहरे दबाव के चक्रवात में विकसित होने की थोड़ी संभावना है।
बालाचंद्रन के अनुसार, गहरे दबाव का क्षेत्र अभी तक चक्रवात में नहीं बदला है, क्योंकि इसके लिए कोई जरूरी परिस्थितियां नहीं बन पाईं। वायुमंडल में, चक्रवात तब बनता है जब निचले और ऊपरी हिस्से समुद्र के ऊपर संरेखित होते हैं। यदि एक हिस्सा दूसरे से अधिक मजबूत है और लगातार बदलता रहता है, तो यह बादलों के गठन में मदद नहीं करेगा और सिस्टम को आवश्यक गति प्राप्त करने से रोकेगा। अभी भी गहरे दबाव के चक्रवात में विकसित होने की थोड़ी संभावना है।