डा.मेहता हास्पिटल के चिकित्सकों ने एक अत्यंत दुर्लभ हृदय के कंडीशन से नवजात को बचाया है। चिकित्सकों ने लाइफ सेविंग प्रक्रिया, पेरीकार्डियोसेंटेसिस कर प्री-टर्म बच्चे के जीवन को बचाया। बच्चा अत्यंत दुर्लभ हृदय रोग कार्डियाक टैम्पोनेड (तीव्र संपीड़न) से पीड़ित था। यह एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है जहां दिल की मांसपेशियों के आसपास एकत्र द्रव इस अंग पर अत्यधिक दबाव डालता है। प्रीमैच्यूर इस बच्चे का वजन केवल 750 ग्राम था। वह अट्ठाइस सप्ताह का था। हास्पिटल के डा.अरुण कृष्णन बी एवं डा.शांति सी. ने यह प्रोसीजर किया। बच्चे को न्यूबार्न इन्टेसिव केयर यूनिट में छह सप्ताह रखने के बाद छुट्टी दे दी गई। परिवार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए डा.मेहता हास्पिटल ने यह प्रक्रिया कम लागत पर पूरी की।
चिकित्सकों ने बताया कि यह परिवार आंध्रप्रदेश के कडपा का रहने वाला है। डा.मेहता हास्पिटल में प्री-मैच्यूर जुड़वा बच्चा हुआ। दोनों को न्यूबार्न इन्टेंसिव केयर यूनिट में भर्ती किया गया। एक बच्चे को जिसका वजन 1.040 किलोग्राम था उसे चार सप्ताह के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। लेकिन दूसरे बच्चे की स्थिति नाजुक थी। वह बीमार था एवं उसे इन्वैसिव वेंटीलेशन पर रखा गया था। उसके हेमोडायनामिक में गड़बड़ी के साथ साथ रक्तचाप गिरना शुरू हो गया। इसके बाद क्लिनिकल आकलन एवं इको में दिखा कि उसके दिल के आसपास द्रव संग्रहित हो गया है। इसके बाद उसका इलाज शुरू हुआ। इसमें पेरीकार्डियम से अधिक द्रव का निकाला जाना एवं रक्तचाप को स्थिर करना शामिल रहा। इस प्रोसीजर के बाद अब बच्चे का वजन 1.3 किलोग्राम हो गया है। उसे हास्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।