वेदांताचार्य डॉ. ध्यानाराम महाराज ने कहा, संत खेतेश्वर के उपदेशों को आत्मसात करने की जरूरत
वेदांताचार्य डॉ. ध्यानाराम महाराज का तमिलनाडु व पुदुचेरी में स्वागत
वेदांताचार्य डॉ. ध्यानाराम महाराज
वर्तमान युग में संत खेतेश्वर भगवान के उपदेशों को आत्मसान करने की जरूरत है। संत खेतेश्वर ने आपसी भाईचारे का संदेश दिया था। समाज आपस में संगठित होकर आगे बढ़ें। संगठित व शिक्षित होकर समाज के विकास में सहभागी बनें।
वेदांताचार्य डॉ. ध्यानाराम महाराज ने यह बात कही। वे रविवार को यहां विभिन्न स्थानों पर उद्बोधन दे रहे थे। हिंदी बाहुल्य साहुकारपेट के समुद्र मुद्दली स्ट्रीट स्थित खेतेश्वर भवन, तिरुपल्ली स्ट्रीट स्थित राजपुरोहित ट्रस्ट भवन तथा अम्मन कोइल स्ट्रीट स्थित राजपुरोहित समाज ट्रस्ट भवन में भक्तों को उद्बोधन देते हुए उन्होंने कहा कि आज के इस बदलते परिवेश में समय निकालकर बच्चों को संस्कारवान बनाना यज्ञ करने के समान है। यह हमारे लिए गौरव की बात है। आदर्श समाज की स्थापना संस्कार से ही शुरू हो सकती है और संस्कार जन्म से ही डाला जा सकता है।
शिक्षा बेहद जरुरी
वेदांताचार्य ने कहा कि शिक्षा से पहले संस्कार की आवश्यकता है। बच्चों को घरों से ही संस्कार देना शुरू कीजिए। बच्चे के बड़े होने पर संस्कार देना मुश्किल हो जाता है इसलिए बाल्यावस्था से ही संस्कार का बीज बोना अति आवश्यक है। बच्चों में शिक्षा के साथ ही संस्कारों का भी बीजारोपण होना चाहिए। संस्कारों के बिना शिक्षा अधूरी है। आज के इस भौतिक युग में संस्कार शाला का संचालन होना अत्यंत आवश्यक है। वेदांताचार्य ने कहा कि शिक्षक अपने बहुआयामी पहलुओं से ज्ञान की दिव्य ज्योति प्रज्वलित कर अंधकार एवं अज्ञान का नाश करती हैं। शिक्षक समाज और राष्ट्र की नींव का निर्माण करता हैं। शिक्षा बेहद जरुरी हैं। डॉ. ध्यानाराम महाराज ने संत खेतेश्वर मंदिर में संत की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
गुरुकुलों की दी जानकारी
समाज के ट्रस्टियों व प्रमुख पदाधिकारियों ने डॉ. ध्यानाराम महाराज का माल्यार्पण से सम्मान किया। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. ओमप्रकाश भटनोखा ने बड़ली विद्यापीठ के बारे में जानकारी दी। सिवाना में प्रधानाध्यापक शंकरसिंह आसोतरा ने डॉ. ध्यानाराम महाराज के दिशा-निर्देशन में चल रहे गुरुकुलों के बारे में बताया।
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