सोमवार सुबह चेन्नई के अरुम्बाक्कम में हवा की गुणवत्ता 260 डिग्री दर्ज की गई। रायपुरम में 227, मनली में 316 और वेलचेरी जिले में 301 मामले दर्ज किए गए। ये सभी ‘खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों में थे। अब चेन्नई की भी आबोहवा खराब हो रही है इन इलाकों में एक अजीब सी धुंध से घिर गया है ,हर तरफ धूल और धुएं का गुबार छा गया है लोग भी इस तरह की धुंध को देखकर हैरान है। लोगों ने अचानक हुए इस धुंए से आखो में जलन साँस लेने में परेशानी जैसी भी शिकायत की है।
चेन्नई के कोलत्तूर, विल्लीवाक्कम, कोयम्बेडु और पेरम्बूर इलाकों में सडक़ें पटाखों, भोजन और अन्य कचरे से अटी पड़ी हैं। स्थानीय इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि अगर वो मुंह को ढक कर न चले तो जल्द ही हृदय रोग के रोगी बन जाए, बढ़ते प्रदूषण में सबसे ज़्यादा दिक्कतें बच्चो या फिर बुजुर्गों को हो रही है। दिवाली के दूसरे दिन पटाखे से फैले धुएं ने वातावरण को प्रदूषित तो किया ही है साथ ही साथ धुंध में भी तब्दील किया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पूरे देश में केवल पर्यावरण-अनुकूल समय-सीमा वाले हरित पटाखों की अनुमति थी। जारी निर्देश में कहा गया है कि निर्धारित समय के बाहर आग लगाने वालों का पता लगाया जाएगा। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहले एक सलाह जारी की थी जिसमें लोगों को दिवाली के दौरान एक निर्धारित समय सीमा के भीतर पटाखे फोडऩे की अनुमति दी गई थी।
इस धुंए को देखकर डॉक्टर भी इससे बचने की सलाह दे रहे है। इस तरह से सांस ,दमा ,फेफड़े का कैंसर हो सकते है और इंसानी शरीर पर इस धुंए का बुरा असर पड़ सकता है। कुछ दिनों तक लोगों को अपनी सेहत का ख्याल रखना होगा ,चेहरे को ढक कर निकले, हो सके तो एक बार फिर से मास्क को पहनना शुरू कर दें।