मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने बुधवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास की एक पहल का उद्घाटन किया जिसमें तमिलनाडु के गांवों के एक लाख सरकारी स्कूल के छात्रोंं को इलेक्ट्रॉनिक विज्ञान जोड़ा गया। इस प्रयास के तहत उन्होंने सरकारी स्कूल के छात्रों को आइआइटी मद्रास द्वारा विकसित इलेक्ट्रॉनिक किट भी वितरित किए। आईआईटीएम कैंपस में आयोजित एक कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री अनिल महेश पोयामोझी एवं आइआइटी मद्रास के निदेशक प्रो.वी.कामकोटि उपस्थित थे। इस अनाइवरुकुम आईआईटीएम (आईआईटीएम फॉर ऑल) पहल का उद्देश्य हर साल तमिलनाडु में ग्रामीण इलाकों में पढऩे वाले एक लाख छात्रों से जुडऩा है। इसका उद्देश्य कक्षा 9, 10, 11, और 12 के छात्रों को दिए गए व्याख्यानों और व्यावहारिक अनुभव के माध्यम से सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना है।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा मुझे इस आयोजन के दौरान ‘थिरानारी थेरवु थिटम’ नामक एक महत्वपूर्ण नई योजना की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इसका उद्देश्य तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों के छात्रों को बिना किसी बाधा के अपनी उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना और उनकी मदद करना है। इस योजना के लिए दसवीं कक्षा में पढऩे वाले 1,000 छात्रों को चुना जाएगा। छात्रों को आइआइटी मद्रास जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों से जोडक़र उनका मार्गदर्शन किया जाएगा। एक हजार रुपए का वजीफा हर महीने दिया जाएगा। यह तब तक दिया जाएगा जब तक कि वे अपनी बारहवीं कक्षा पूरी नहीं कर लेते।
252 सरकारी स्कूलों की पहचान इस पहल के माध्यम से आइआइटी मद्रास द्वारा विकसित इलेक्ट्रॉनिक किट प्राप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 252 सरकारी स्कूलों की पहचान की गई थी। संस्थान ने पहले ही प्रत्येक स्कूल से दो शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया है। छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान के अलावा संपूर्ण व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा। योग्य छात्रों को आइआइटी मद्रास से एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।