इन दिनों चेन्नई महानगर का भूजल स्तर पूरी तरह समाप्त हो जाने के एक समाचार की क्लिपिंग वायरल हो रही है। इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है।
उल्लेखनीय है कि २००१-०४ के बीच महानगर में हालात कुछ इस तरह के थे कि शहर में पानी की खासी किल्लत बहुत ज्यादा हो गई थी। सरकार ने उस वक्त बोरवेल खुदाई पर लगा दी थी। लेकिन फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं है।
चेन्नई मेट्रो वाटर की वेबसाइट पर महानगर के विभिन्न जोन में जल स्तर के आंकड़े ऑनलाइन उपलब्ध है जो बयां करते हैं कि भूजल स्तर तैनाम्पेट क्षेत्र में तो ५.१३४ मीटर (१६.८४ फीट) पर उपलब्ध है। जल की उपलब्धता क्षेत्रवार अलग-अलग है। समुद्र तट के पास के इलाकों में जलस्तर अपेक्षाकृत ज्यादा है।
वायरल खबर
इस बीच सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर यह समाचार बड़ी प्रमुखता से शेयर किया जा रहा है कि चेन्नई महानगर में २ हजार फीट तक जमीन में पानी नहीं है। चेन्नई देश का पहला शहर बन चुका है जहां पानी पूरी तरह समाप्त हो गया है। संभवत: यह समाचार काफी पुराना है जिसकी क्लिपिंग अब अचानक शेयर की जा रही है। इस समाचार की मौजूदा समय में कोई प्रासंगिकता नहीं है।
महानगर के जलस्रोत
महानगर के जलस्रोतों में पानी का स्तर करीब ८० प्रतिशत है। मेट्रोवाटर शहर को प्रतिदिन लगभग 1,011 मिलियन लीटर पानी (एमएलडी) की आपूर्ति कर रहा है। इसमें से करीब 922 एमएलडी पाइपलाइन के जरिए मुहैया कराई जा रही है।
क्षेत्र तारीख जलस्तर
तिरुवत्तीयूर ८ मई १.७६
तंडियारपेट ९ मई ५.०८
अण्णा नगर ९ मई ५.०१
तैनाम्पेट १५ मई ५.१३
अडयार ०९ मई ४.४५
स्रोत : चेन्नई मेट्रोपॉलिटन जलापूर्ति व सीवेज बोर्ड (जलस्तर मीटर में)