तमिलनाडु के द्रमुक राÓयसभा सांसद पी. विल्सन ने केंद्र सरकार से राÓय में एपीसी (कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर, एपीसी) की योजना, नीति और आवंटन को लेकर प्रश्न किया था। सरकार से मिले जवाब से यह स्पष्ट हुआ कि अब अपेक्षाकृत कम जमीन होने पर भी क्लस्टर निर्माण संभव हो सकेगा। देश में ऐसे 68 क्लस्टर फिलहाल अनुमति प्राप्त हैं, जो कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन क्रियाओं से जुड़े हैं।
तमिलनाडु में 6 नए क्लस्टर
तमिलनाडु में केंद्र सरकार ने केले, आंवला, फली और गाजर के 6 नए क्लस्टरों की पहचान की है। इन क्लस्टरों का फायदा ईरोड, कोयम्बत्तूर, तुत्तुकुड़ी, तेनी, मदुरै, तिरुनेलवेली दिण्डीगुल, कृष्णगिरि, वेलूर, धर्मपुरी व सेलम जिलों को होगा। क्लस्टरों को केंद्रीय अनुदान के रूप में मिलने वाली वित्तीय मदद क्षेत्रवार अलग-अलग है जो कि अधिकतम 10 करोड़ है। स्वीकृत 68 क्लस्टरों को लगभग 540.63 करोड़ का अनुदान जारी हुआ है।
एपीसी का उद्देश्य
– उद्यमियों को क्लस्टर दृष्टिकोण पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करना
– अतिरिक्त उपज के अपव्यय को कम करना
– बागवानी/कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन
– किसानों की आय में वृद्धि होगी और स्थानीय रोजगार का सृजन
अब 5 एकड़ ही काफी
पिछले महीने एपीसी अवसंरचना निर्माण योजना में बदलाव कर शहर विशेष में लम्बवत इकाइयों की स्थापना के मद्देनजर जमीन की न्यूनतम आवश्यकता को 5 एकड़ तक कम दिया गया है।
– प्रहलाद सिंह पटेल, खाद्य प्रसंस्करण राÓय मंत्री
देश में एपीसी और अनुदान
राÓय मंजूर एपीसी अनुदान
तमिलनाडु 11 71.68 करोड़
महाराष्ट्र 12 107.04 करोड़
गुजरात 05 37.42 करोड़
कर्नाटक 04 29.27 करोड़
मध्यप्रदेश 04 39.43 करोड़
राजस्थान 04 31.67 करोड़
अ’छे दामों पर हो खरीद
किसानों की आय बढ़ाने का जहां तक सवाल है उनसे होने वाली खरीद अ’छे दामों पर होनी चाहिए। तभी जाकर कृषि प्रसंस्करण प्रणाली न केवल प्रभावकारी होगी बल्कि किसान हितकारी भी होगी।
पी. अय्याकन्नू नेता तमिलनाडु किसान संघ