चेन्नई

आर्थिक संकट से परेशान पलायन को मजबूर श्रीलंकाई तमिलनाडु में ले रहे आसरा

– श्रीलंका में रिकॉर्ड तोड महंगाई ने कमर तोड दी

चेन्नईMar 23, 2022 / 04:46 pm

PURUSHOTTAM REDDY

16 Sri Lankans arrive in Tamil Nadus Rameswaram on boat citing economi

रामेश्वरम.

श्रीलंका में पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था के कारण लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। श्रीलंका में महंगाई चरम पर है और खाने-पीने की वस्तुएं लोगों की पहुंच से बाहर हैं। श्रीलंका के लोगों के निशाने पर वहां की सरकार है। लोग राष्ट्रपति से इस्तीफा मांग रहे हैं, जिसके लिए विपक्षी पार्टी की अगुवाई में आंदोलन तेज हो रहा है। राष्ट्रपति भवन के बाहर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई है। जिन्हें काबू करने के लिए वहां की सेना को लगाना पड़ा है। लेकिन श्रीलंका के आर्थिक संकट की लहर अब भारतीय तटों पर महसूस की जा रही है।

इससे घबराकर श्रीलंकाई एक तमिल परिवार मंगलवार की सुबह भारत चला आया। वे फाइबर की नाव में सवार होकर गुपचुप तरीके से तमिलनाडु के रामेश्वरम आ गए। धनुषकोडी के पास अरिचलमुनई में चार महीने के बच्चे के साथ कुछ छह लोग पहुंचे थे।

भारतीय कोस्ट गॉर्ड ने पेट्रोलिंग के दौरान उन्हें देखा और हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और बेरोजगारी के कारण वो वो श्रीलंका से चले आए। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि वे जाफना और लताईमन्नार के रहने वाले थे। श्रीलंकाई नागरिक रात करीब 10 बजे एक नाव में सवार हो गए।

सोमवार को आधी रात के बाद अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा को पार किया। फिर नाविक उन्हें एक छोटे से द्वीप पर छोडऩे के बाद लौट गया। उन्हें झूठी आशा दी कि रामेश्वरम से कोई उन्हें ले लेगा।

मंगलवार को 16 श्रीलंकाई नागरिक तमिलनाडु के उत्तर में जाफना और मन्नार क्षेत्रों से दो जत्थों में पहुंचे। तीन बच्चों सहित छह शरणार्थियों का पहला समूह रामेश्वरम के तट पर एक द्वीप के पास फंसे हुए थे और तटरक्षक बल ने उन्हें बचाया था।

दस लोगों का दूसरा दल देर रात पहुंचा। तमिलनाडु पुलिस के सूत्रों ने बताया कि शरणार्थी बेरोजगारी और श्रीलंका में भोजन की कमी की वजह से देश छोडऩे पर मजबूर हो गए हैं। तमिलनाडु में खुफिया अधिकारियों को जानकारी मिली है कि आने वाले हफ्तों में लगभग 2,000 शरणार्थियों के आने की संभावना है।

श्रीलंका सात दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। लोगों को बिजली कटौती और गैस जैसी ज़रूरी चीजों की सप्लाई रूकने से परेशान होना पड़ रहा है। श्रीलंका सरकार ने भारत से कर्ज मांगी थी, जिसके बाद भारत ने उसे एक अरब डॉलर की मदद की। श्रीलंका को खाद्य उत्पादों, दवाओं एवं अन्य ज़रूरी चीजों की खरीद के लिए भारत द्वारा ये कर्जा दिया है।

श्रीलंका से और भी लोग आएंगे भारत
मन्नार के एक कार्यकर्ता वी एस शिवकरण ने चेतावनी दी कि ये पलायन की शुरुआत है। बहुत लोग जिन्हें मैं जानता हूं, वो श्रीलंका से पलायन करने की योजना बना रहे हैं। इनमें से कुछ लोगों के रिश्तेदार भारत के रिफ्यूजी कैंपों में मौजूद हैं और कुछ लोगों की जान-पहचान के लोग तमिलनाडु में रह रहे हैं। लोग अपने आने वाले कल को लेकर डरे हुए हैं।

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