पानीपत। हरियाणा सरकार शीघ्र ही एक नई उद्योग नीति बनाएगी जो विकास को बढ़ावा देगी। इसके साथ ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को अपनी क्षमता का पूर्ण दोहन करने और बाजार रूझान के साथ गति बनाये रखने के योग्य बनायेगी। विभाग ने उद्योग क्षेत्र में चार प्रतिशत की वार्षिक विकास दर का लक्ष्य रखा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई उद्योग और वाणिज्य विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने विभाग के सभी अधिकारियों को राज्य की नई उद्योग नीति बनाते समय सभी औद्योगिक संगठनों से सुझाव आमंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में औद्योगिक संघों, श्रम यूनियनों और अन्य प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाना चाहिए, जिससे बडे पैमाने पर उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ आकांक्षाओं के अनुरूप निवेश भी आकर्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि उद्योग के लागत कारक को प्रभावित करने वाले पहलुओं पर भी विचार किया जाना चाहिए। नई उद्योग नीति का प्रारूप मार्च, 2015 तक तैयार हो जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए ऋण उपलब्धता और निर्यात प्रोत्साहन के मुद्दों के लिए एक तंत्र विकसित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने ऎसे उद्यमों के प्रोत्साहन और विपणन के लिए राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियां आयोजित करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने विभाग को निवेश प्रोत्साहन के लिए विशेष कदम उठाने के लिए भी कहा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन के तहत कृषि आधारित उद्यमों को प्रात्साहित करने पर बल देने के भी निर्देश दिए।