चंडीगढ़ पंजाब

वृद्ध पिता ने हमले के दिन से ही पहन रखी थी शहीद बेटे की वर्दी, आज उसी वेश में नम आंखों के साथ दी जवान बेटे को मुखाग्नि

पूरे देश में गुस्सा है, हर एक आतंक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है…
 

चंडीगढ़ पंजाबFeb 16, 2019 / 09:04 pm

Prateek

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(चंडीगढ़): पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में देश ने 44 वीर जवानों को खो दिया। हर कोई गमगीन है इसी के साथ बदले की भावना सुलग रही है। हमले के बाद से हर किसी की जुबान
पर 44 वीर सपूतों की शहादत की गाथा है। वहीं उनके गांव व शहर में उनकी जिंदगी से जुडे किस्से है। पूरा देश शहीदों के परिवार के साथ खड़ा है। पर शहीदों के परिवार की पीड़ा एक सामान्य भारतीय से कही ज्यादा है। शहीदों के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। उन्हें विश्वास भी नहीं हो पा रहा है कि उन्होंने अपने लाल को खो दिया।

 

 

शहीद के पिता IMAGE CREDIT:

शहीद कुलविंदर के परिजनों का भी यही हाल है। शहीद जवान कुलविंदर पंजाब के रूपनगर जिले के नूरपुर बेदी इलाके के गांव राउली का रहने वाला था। कुलविंदर के पिता दर्शन सिंह ट्रक ड्राइवर थे। जब उन्हें बेटे की शहादत का पता चला तो वह सन्न रहे गए बूढे पिता का मन यह मानने को तैयार नहीं था की जवान बेटे को उन्होंने खो दिया है। गांव के लोगों को हमले में कुलविंदर के शहीद होने का पता चला तो उन्होंने परिजनों को संभाला।

 

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शहीद को राजकीय सम्मान दिया गया IMAGE CREDIT:

कुलविंदर के पिता जिन्हें अपने बेटे से बहुुत लगाव था उन्हें अपने बेटे को खोने का दुख है पर बेटे ने देश के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया यह सोचकर वह जोश से लबरेज है। दर्शन सिंह ने हमले वाले दिन से ही शहीद बेटे की वर्दी पहन रखी थी। शनिवार को जब कुलविंदर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो गांव में लोगों का जमावड़ा लग गया। आकाश में भारत माता की जय,वंदे मातरम्, पाकिस्तान मुर्दाबाद, शहीद कुलविंदर अमर रहे के नारे गूंजने लगे।

 

आंखे नम, आंसू सूखे तो बाहर आया गुस्सा

शहीद की अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के पिता ने नमा आंखों के साथ बेटे को मुखाग्नि दी। इस दौरान भी दर्शन सिंह ने बेटे की वर्दी पहन रखी थी। बेटे की तस्वीर और तिरंगे को सीने से लगाए वृद्ध पिता ने आतंकियों व आतंक का पर्याय बन चुके पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पिता की आंखें नम भले ही थी पर जब आंसू सूखे तो इनमें उतना ही गुस्सा दिखाई दिया जो पूरे देश के दिल में आग की तरह उठ रहा है।

 

इस साल होनी थी शादी

हाल ही में कुलविंदर की मंगनी हुई थी। इसी साल उनकी शादी होनी थी। कुलविंदर 10 दिन की छुट्टी मनाकर 10 फरवरी को रवाना हुए थे। सीआरपीएफ की 92 वीं बटालियन में 2014 में कुलविंदर ने ज्वाइन किया था।

 

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