चंदौली ज्योति लान में आहूत आकस्मिक बैठक में पूर्व मंत्री डॉ. रमाशंकर राजभर (Rma Shankar Rajbhar) ने कहा कि रामअचल राजभर को मनगढ़ंत व फर्जी आरोप लगाकर बसपा से निष्कासित किया गया है, जो हम सभी के लिए कष्टकारी है और राजभर समाज का अपमान है। ऐसी स्थिति में राजभर समाज का बसपा मे बने रहना मान-सम्मान के खिलाफ है। कहा कि राजअचल राजभर ने बसपा को उम्दा मुकाम तक पहुंचाने में अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया। बावजूद इसके बसपा सुप्रीमो ने राजभर समाज के नेताओं के त्याग, समर्पण व निष्ठा को अपनाने की बजाय उसे अपमानित करके का काम किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती का यह कदम आत्मघाती है। साथ ही इनके कुंठित होने का परिचायक भी है। अब राजभर समाज बसपा से नहीं जुड़ेगा। इसके लिए जल्द ही समाज के लोगों के साथ बैठक सर्वसम्मति से कोई निर्णय लिया जाएगा।
यह रहे मौजूद
इस दौरान सूबेदार राजभर, गायत्री राजभर, ओमप्रकाश राजभर, अवधेश राजभर, श्रवण राजभर, विजयी राजभर, दीना राजभर, महेंद्र राजभर, राहब राजभर, अवध नारायण राजभर, अवध नारायण राजभर, मनोज राजभर, दरोगा राजभर, प्रभाकर राजभर, अभय सिंह आदि ने बसपा से त्याग पत्र दे दिया।
इस दौरान सूबेदार राजभर, गायत्री राजभर, ओमप्रकाश राजभर, अवधेश राजभर, श्रवण राजभर, विजयी राजभर, दीना राजभर, महेंद्र राजभर, राहब राजभर, अवध नारायण राजभर, अवध नारायण राजभर, मनोज राजभर, दरोगा राजभर, प्रभाकर राजभर, अभय सिंह आदि ने बसपा से त्याग पत्र दे दिया।