वैश्विक महामारी के चपेट में आकर हमारे मंत्रिमंडल के दो मंत्री भी शहीद हुए। जैसे ही वैश्विक महामारी का बादल छटा, हमारी सरकार ने वादों के अनुरूप राज्य को एक नई दिशा देने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य हर चुनौती से निपटने को तैयार हैं।
आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार पूरे झारखंडियों की सरकार है। शुरुआती दिनों से ही हमारी सरकार ने राज्य के हर वर्ग, हर समाज को लेकर आगे बढ़ाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण और प्रभावी अभियान रहा है। झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य होने के वजह से यहां आर्थिक, शैक्षणिक स्तर पर सहित कई विषमताएं रही हैं।
राज्य कर्मियों को संवेदनशील बनाने का प्रयास किया
सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य कर्मियों को संवेदनशील बनाने का प्रयास किया है। जिस उद्देश्य के साथ हम लोगों ने सरकार बनाई उसे उद्देश्य को पूरा करने के लिए यह सरकार अबतक गांव के लोगों के साथ, राज्य की जनता के भावनाओं के साथ कम से कदम मिलाकर चलने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं, आगे हमको और कई चुनौतियों से सामना करना है परंतु इन चुनौतियों से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।
गांवों को मजबूत करने का आह्वान
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने झारखंड के किसानों, मजदूरों, युवाओं, महिलाओं बेरोजगारों सहित सभी वर्ग को सरकार की विभिन्न भावी योजनाओं से जोड़ने का निरंतर प्रयास किया है। आगे भी करती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में 80% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि हम झारखंड के गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर राज्य के माथे पर जो पिछड़ेपन का टैग लगा है उसे हटाने में जरूर कामयाब होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 20-25 में झारखंड युवा राज्य की गिनती में शुमार हो जाएगा। पिछले 20 वर्षों में इस राज्य को पूर्व सरकारों से जितनी अपेक्षाएं थीं उसके मुताबिक पूर्ववर्ती सरकारी बिल्कुल खरी नहीं उतर पाई यही वजह है कि आज झारखंड पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है।