यूजीसी द्वारा जारी नोटिस में यह भी बताया गया कि कैटेगरी 2 और 3 में क्वालिफाई करने वाले उम्मीदवारों को पीएचडी में प्रवेश के लिए टेस्ट स्कोर के लिए 70 वेटेज और साक्षात्कार के लिए 30 वेटेज दिया जाएगा। बता दें, कैटेगरी 2 और 3 में प्राप्त नेट स्कोर एक वर्ष की अवधि के लिए मान्य होंगे।
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यूजीसी नेट परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर छात्रों को तीन कैटेगरी में बांटा जाएगा
कैटेगरी 1 – वे उम्मीदवार जो पीएचडी में एडमिशन, जेआरएफ और असिस्टेंट प्रोफेसर में नियुक्ति तीनों पदों के लिए पात्र होंगे
कैटेगरी 2 – वे उम्मीदवार जो पीएचडी में बिना जेआरएफ एडमिशन और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होंगे
कैटेगरी 3 – सिर्फ पीएचडी में दाखिले के लिए पात्र होंगे
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यूजीसी सचिव प्रोफेसर मनीष आर जोशी ने बताया कि पीएचडी के लिए एक राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा से छात्रों को मदद मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को लागू करने की प्रक्रिया में नेट के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। इस समिति की सिफारिश के बाद यह निर्णय लिया गया कि नए शैक्षणिक सत्र में छात्र पीएचडी में प्रवेश पाने के लिए नेट स्कोर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
देश भर में कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जहां पीएचडी प्रवेश परीक्षा समय पर नहीं हो पा रही है। कई विश्वविद्यालय तो ऐसे हैं जहां 2-3 सालों में पीएचडी प्रवेश परीक्षा का आयोजन हो रहा है। ऐसे में इन यूजीसी की इस निर्णय से छात्र एक ही टेस्ट के माध्यम से जेआरएफ, नेट एवं पीएचडी में प्रवेश पा सकेंगे। साथ ही विश्वविद्यालय को प्रवेश परीक्षा कराने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। वहीं दूसरी ओर नए नियम के आने से पीएचडी में एडमिशन लेने के लिए नेट परीक्षा में अच्छे स्कोर लाना अनिवार्य हो जाएगा, जिससे बहुत सारे छात्रों की परेशानी बढ़ सकती है।