बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (B.Lib.Sc.) और मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (M.Lib.Sc) दोनों ही कोर्स एक-एक साल के हैं। सबसे बड़ी बात की प्रदेश में यह कोर्स सिर्फ और सिर्फ राजस्थान विश्वविद्यालय में होता है। आजकल युवाओं के बीच इस कोर्स की खूब डिमांड है और ऐसा दावा किया जाता है कि यहां पढ़ने वाले ज्यादातर छात्र रोजगार में हैं। कई छात्र सरकारी नौकरी करते हैं तो वहीं कई निजी सेवा दे रहे हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University Fees) की फीस भी काफी कम है।
प्रवेश पाने की प्रक्रिया (Rajasthan University Admission)
बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (B.Lib.Sc.) में एडमिशन के लिए स्नातक में 50 प्रतिशत नंबर होने चाहिए। इसी आधार पर मैरिट बनती है और नंबर तैयार किए जाते हैं। इस कोर्स में 100 सीटें हैं, जिसमें लड़कियों और आरक्षित वर्ग की फीस 8 हजार है। सामान्य लोगों के लिए 10 हजार रुपए फीस है।
वहीं, मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस में एडमिशन के लिए बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (B.Lib.Sc.) होना जरूरी है। इसके कोर्स में कुल 20 सीटें हैं। यहां पर लड़कियों और आरक्षित वर्ग के लिए 7500 और सामान्य के लिए 8000 रुपए फीस (Rajasthan University Fees) है। पीजी कोर्स के लिए 24 जून से 30 जून तक प्रवेश प्रक्रिया चलेगी। अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय के आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
किन क्षेत्रों में मिलेंगे काम के अवसर
इन दोनों ही कोर्स को करने के बाद नौकरी के अवसर बढ़ जाते हैं। निजी और सरकारी क्षेत्र में लाइब्रेरियन की काफी मांग है। इसलिए हर दिन इसमें नए-नए प्रयोग भी हो रहे हैं। इन दोनों कोर्सों को करने के बाद शैक्षणिक क्षेत्र में भी काम कर सकते हैं। शुरुआती सैलरी 20 हजार से 50 हजार रुपये तक हो सकती है।