ये भी पढ़ेः रोज एक डॉलर के दान से गांव का सरकारी स्कूल बना हाईटेक, निजी स्कूलों को दी मात ये भी पढ़ेः हर महीने कमाएंगे लाखों, बनाएं एथिकल हैकिंग में कॅरियर इस बढ़ोत्तरी से इन कॉलेजों को पांच साल के एक कोर्स में ही करीब 33 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी। वहीं प्रदेश में खुलने वाले पांच नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तो फीस पुराने कॉलेजों से भी अधिक होगी। यहां सालाना फीस करीब 50 हजार रुपए वसूल की जाएगी। इन कॉलेजों में पांच साल के कोर्स में करीब ढाई लाख रुपए और पुराने कॉलेजों में करीब 1 लाख 60 हजार रुपए से अधिक वसूले जाएंगे। खास बात यह है कि हॉस्टल फीस इनके अतिरिक्त होगी।
पीजी में 15 फीसदी घटाए उत्तीर्णता अंक
राज्य सरकार ने मेडिकल पीजी कोर्स में दाखिले के लिए पीजी प्रवेश परीक्षा के लिए उत्तीर्णता का कायदा ही घटा दिया है। पहले सामान्य वर्ग के लिए 50 परसेंटाइल और उत्तीर्ण अंक 1200 में से 321 थे। वहीं अब यह परसेंटाइल घटाकर 35 और उत्तीर्ण अंक 262 कर दिए गए हैं। इसी तरह एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षित वर्ग के लिए पहले 40 परसेंटाइल और उत्तीर्ण अंक 1200 में से 281 थे, जिन्हें अब घटाकर 25 परसेंटाइल और उत्तीर्ण अंक 225 कर दिए गए हैं।
इतनी सीटें प्रदेश में
– 1450 सीट पुराने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में
– 500 सीट नए खुलने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेज में
– 1150 सीट निजी मेडिकल कॉलेजों में
– 3100 सीटें कुल
– 1450 सीटों पर बढ़ेगी फीस
– 500 सीटों पर पुरानों से अधिक फीस
बढ़ी हुई फीस आगामी सत्र से वसूल की जाएगी। पिछले साल यह निर्णय ऐनवक्त पर कैंसिल कर दिया गया था। पीजी में पासिंग माक्र्स कम किए गए हैं।
– सुरेशचंद सोनी, अतिरिक्त निदेशक (शैक्षणिक), चिकित्सा शिक्षा