ऐसे छात्र जो सॉयल साइंटिस्ट बनना चाहते हैं, उन्हें सॉयल साइंस पढ़ना पड़ता है। इस विषय में मिट्टी कैसी है, इस पर कौन सी फसल अच्छी उगेगी, इसे किस तरह के ट्रीटमेंट की जरूरत है, इसका इस्तेमाल खेती के लिए हो सकता है या फॉरेस्ट्री के लिए आदि बातों पर विस्तार से पढ़ाया जाता है।
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एक बार आपने मिट्टी के बारे में अच्छी से जानकारी हासिल कर ली और डिग्री प्राप्त कर लिया, उसके बाद आप सॉयल साइंटिस्ट (Soil Scientist), प्रोफेसर, सॉयल पेडोलॉजिस्ट और इकोलॉजिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं। वहीं आप एनवारयमेंटल साइंटिस्ट, जियोलॉजिस्ट, हाइड्रोलॉजिस्ट, साइंटिफिक लेबोरेट्री टेक्निशियन, सॉयल कंजर्वेशन टेक्निशियन आदि के रूप में भी अपना करियर बना सकते हैं।
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इस क्षेत्र में सैलरी पद और संस्थान के आधार पर मिलती है। हालांकि, शुरुआती दौर में महीने के 20 से 30 हजार रुपये की कमाई हो जाती है। वहीं अच्छा अनुभव हासिल कर लेने पर 5-6 लाख के करीब कमाई होती है।
सॉयल साइंटिस्ट बनने के लिए आपको इस विषय में पीएचडी करनी होगी, जिसके लिए पहले बीए और फिर एमए करना जरूरी है। यह एक लंबी पढ़ाई है। बीए कोर्स में एडमिशन लेने के लिए 12वीं में ज्योग्राफी विषय का होना अनिवार्य है (यदि साइंस विषयों से पढ़ाई की है तो एग्रीकल्चर या जियोलॉजी में बैचलर्स की डिग्री होनी चाहिए)।