patrika.com पर जानिए कॉमर्स फील्ड में किन-किन प्रोफाइल पर काम करने के मौके हैं…।
फॉरेंसिक अकाउंटेंट (forensic accountant)
अकाउंटिंग की फील्ड में कानून के दांवपेचों की जानकारी रखने वाले फॉरेंसिक अकाउंटेंट की डिमांड बढ़ रही है। इनका काम मुख्य रूप से कानूनी विवाद में फंसे क्लाइंट या फर्म के फाइनेंस रिकॉर्ड की जांच करना और उसके मूल्यांकन का काम करना है। मुख्य तौर पर इनके पास तीन काम होते हैं- मुकदमा लड़ना, जांच करना और विवाद का निपटारा कराना। इस फील्ड के प्रोफेशनल्स को फॉरेंसिक अकाउंटेंट कहा जाता है। इसके लिए सबसे जरूरी बात होती है अकाउंटिंग की गहरी जानकारी होना। ऑडिटिंग, रिस्क मैनेजमेंट और घपलों को समझने का हुनर ही इनकी खूबी होती है। कानूनी विवाद में फंसे इंसान या उसकी कंपनी के मामले में इनकी भूमिका अहम होती है।
फाइनेंशियल अकाउंटेंट (financial accountant)
किसी संस्थान या कंपनी को चलाने में एक फाइनेंशियल अकाउंट का अहम रोल होता है। ये कंपनी के अकाउंट की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये कंपनी की आर्थिक स्थिति से लेकर दूसरे विभागों के फाइनेंस से जुड़ी जानकारी देने का काम करते हैं। इसके अलावा कंपनी की कॉस्ट, प्रोडक्टिविटी, फायदे और नुकसान समेत कई तरह के खर्चों की रिपोर्ट तैयार करते हैं। जिसकी मदद से कंपनी कई तरह के फैसले ले पाती है। एक फाइनेंशियल अकाउंटेंट बनने के लिए अकाउंट एंड फाइनेंस, इकोनॉमिक्स या बिजनेस स्टडीज में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं।
स्टॉक ब्रोकर (stock broker)
शेयर को बेचना और खरीदना ही एक शेयर ब्रोकर या स्टॉक ब्रोकर का प्रमुख काम होता है। इसके अलावा एक स्टॉक ब्रोकर शेयर डीलर, एडवाइजर और सिक्योरिटी एनालिस्ट के तौर पर भी काम करते हैं। इस फील्ड में कॅरियर बनाने के लिए 12वीं के बाद कॉमर्स से जुड़े कुछ विशेष विषयों में पढ़ाई कर सकते हैं। इसमें फाइनेंस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स, बिजनेस मैनेजमेंट जैसे विषय शामिल हैं। या एनएससी सर्टिफिकेट इन फाइनेंशियल मार्केट्स भी कर सकते हैं। एक स्टॉक ब्रोकर का स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। आधिकारिक तौर पर स्टॉक मार्केट का मेंबर बनने के लिए परीक्षा पास करने के बाद ट्रेनिंग भी लेनी होती है। स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज, म्युचुअल फंड कंपनी, रेग्युलेशन अथॉरिटी, इंवेस्टमेंट कंसल्टेंसी कंपनी, ब्रोकर फर्म, बैंक और इंश्योरेंस एजेंसी में काम करते हैं।
ऑडिटर (auditor)
कॉमर्स फील्ड में एक ऑडिटर के रूप में भी कॅरियर बनाया जा सकता है। एक ऑडिटर के पास कई जिम्मेदारियां होती हैं। किसी कंपनी या किसी इंसान के फाइनेंस के रिकॉर्ड की जांच करना, उसमें खामियों को बताना और नियमों का पालन कराना एक ऑडिटर का मुख्य काम होता है। वर्तमान में एक ऑडिटर का दायरा काफी बढ़ गया है। अगर ऑडिटर बनना चाहते हैं तो अकाउंटिंग में ग्रेजुएशन और मास्टर्स अनिवार्य है। फाइनेंस में एमबीए आपके कॅरियर को रफ्तार देने का काम करता है। ऑडिटिंग में कॅरियर बनाने के लिए कुछ डिप्लोमा कोर्स भी किए जा सकते हैं। कई संस्थान ऑडिटिंग अकाउंटिंग, टैक्सेशन, टैक्स एंड कंपनी लॉ में डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध कराते हैं। इन्हें किया जा सकता है। एक ऑडिटर इंटरनल ऑडिटर, गवर्नमेंट ऑडिटर, फॉरेंसिक ऑडिटर के तौर पर कॅरियर बना सकता है।
0 कॉमर्स स्ट्रीम से पढ़ाई करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स को लगता है कि वे सिर्फ गिनी-चुनी प्रोफाइल्स में ही कॅरियर बना सकते हैं, लेकिन परंपरागत प्रोफाइल से इतर भी उन्हें कॅरियर बनाने का मौका मिलता है। यहां वेतनमान भी बेहतर मिलता है।
0 ऑडिटर से लेकर फॉरेंसिक अकाउंटेंट समेत कई ऐसी कई प्रोफाइल हैं जो कॉमर्स की फील्ड में बेहतर कॅरियर और वेतनमान उपलब्ध कराती हैं।