सिनेमेटोग्राफी (Career Courses In Filmmaking)
यह फिल्मी दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। सिनेमेटोग्राफर को डीओपी (Director Of Photography) भी कहा जाता है। इनका काम होता कैमरा और लाइटिंग की बारीक टेक्निक्स को समझ कर उसे मैनेज करना। सिनेमेटोग्राफी में एक साल का डिप्लोमा कोर्स होता है। हालांकि, ये थोड़ा महंगा कोर्स है। लेकिन अगर आप किसी सरकारी कॉलेज से सिनेमेटोग्राफी का कोर्स करते हैं तो आपको कम फीस पड़ेगी। यह भी पढ़ें
डाक विभाग में निकली बंपर भर्ती, मिलेगी 30 हजार सैलरी
सेट डिजाइनिंग
क्या आपने इससे पहले सेट डिजाइनिंग का नाम सुना है। ये काम सुनने में जितना मजेदार है, उतना ही करने में भी। लेकिन इस कोर्स को सिर्फ ऐसे लोगों को करना चाहिए, जिनके अंदर थोड़ी क्रिएटिविटी हो। सेट डिजाइनिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिमसें सारा खेल आर्ट और क्रिएटिविटी का है। फिल्मों से सेट डिजाइनर की जरूरत तब ज्यादा पड़ती है, जब शूटिंग स्टूडियो में हो रही हो। सेट डिजाइनिंग में एक साल का डिप्लोमा कोर्स भी होता है और 6 महीना का सर्टिफिकेट कोर्स भी। ज्यादातर मीडिया स्टडीज की पढ़ाई ऑफर करने वाले संस्थान ये कोर्स कराते हैं। यह भी पढ़ें
UPSC से मिली असफलता पर अब कब तक शोक मनाएं, जमकर की है पढ़ाई तो जरूर क्लियर कर सकते हैं ये परीक्षाएं
वीडियो एडिटिंग (Video Editing In Filmmaking)
फिल्म बनाने में वीडियो एडिटर (Video Editor) की अहम भूमिका होती है। फिल्म कई टुकड़ों में शूट होती है। अंत में इसे एक पिक्चर का रूप दिया जाता है। वीडियो एडिटिंग में डिप्लोमा की बात करें तो यह 6 महीने से 3 महीने तक का होता है। इसकी फीस भी बेहद कम होती है, लेकिन आज के दौर में वीडियो एडिटर की डिमांड बहुत ज्यादा है। यह भी पढ़ें