एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering)
अगर आपकी दिलचस्पी अंतरिक्ष यान, सेटेलाइट और रॉकेट के डिजाइन और निर्माण में है तो एयरोस्पेस इंजीनियरिंग आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में आपको अंतरिक्ष यान के निर्माण और अंतरिक्ष में काम करने वाली तकनीकों के बारे में सिखाया जाता है। रिमोट सेंसिंग और जियोइंफार्मेटिक्स (Remote Sensing & Geoinformatics)
इस स्ट्रीम के तहत धरती और अन्य ग्रहों की सतह की जांच करने के लिए उपग्रहों के उपयोग के बारे में बताया जाता है। रिमोट सेंसिंग के जरिए आप ग्रहों की सतह, जलवायु और भूगर्भीय संरचनाओं का अध्ययन कर सकते हैं। इस क्षेत्र में शुरुआती कमाई सलाना 3-4 लाख तक की होती है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECE Career Courses)
इस ब्रांच के तहत आप सैटेलाइट कम्युनिकेशन और रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए अंतरिक्ष में संचार स्थापित करने की तकनीक सीख सकते हैं। अगर आप उपग्रहों और उनकी संचार प्रणाली में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह स्ट्रीम आपके लिए सही चुनाव है। इसे करने के बाद आप इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सर्किट, ट्रांसमीटर, रिसीवर के काम करने के तरीके को समझ पाएंगे। इस फील्ड में शुरुआती सैलरी 2-5 लाख के करीब होती है। वहीं अनुभव के साथ सलाना 8-9 लाखों की कमाई हो सकती है।