सर्दियों में है बाइक राइडिंग का शौक तो हमेशा पहन कर रखें ये ख़ास सेफ्टी गियर्स टाटा नैनो ( Tata Nano ) रतन टाटा ( Ratan Tata ) का सपना था लेकिन शुरूआती सफलता के बाद इस कार को लोगों ने वो रिस्पॉन्स नहीं दिया जिसकी उम्मीद कंपनी को थी और लगातार इस कार का प्रोडक्शन घटना चला गया और आलम ये हो गया कि आखिर में इस कार का प्रोडक्शन बंद ही करना पड़ गया।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि दिसंबर 2019 में टाटा मोटर्स ने नैनो की एक भी इकाई का उत्पादन नहीं किया। साथ ही एक भी नैनो नहीं बेची। दिसंबर 2018 में कंपनी ने नैनो की 82 इकाइयों का उत्पादन किया था और 88 इकाइयों को बेचा था।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि दिसंबर 2019 में टाटा मोटर्स ने नैनो की एक भी इकाई का उत्पादन नहीं किया। साथ ही एक भी नैनो नहीं बेची। दिसंबर 2018 में कंपनी ने नैनो की 82 इकाइयों का उत्पादन किया था और 88 इकाइयों को बेचा था।
इसी तरह नवंबर में भी कंपनी ने नैनो की एक भी इकाई का उत्पादन और बिक्री नहीं की। नवंबर 2018 में नैनो का उत्पादन 66 इकाई और 77 इकाई बेची थी। अक्टूबर में भी एक भी नैनो का उत्पादन या बिक्री नहीं हुई। अक्टूबर, 2018 में कंपनी ने नैनो की 71 इकाइयों का उत्पादन और 54 इकाइयों को बेचा।
टाटा नैनो का प्रोडक्शन बंद करने की एक वजह ये भी है कि कंपनी को लगता था कि नैनो नए सुरक्षा नियमों और बीएस-छह उत्सर्जन मानकों पर खरी नहीं उतरेगी। अगर कार को सभी नियमों के अनुरूप बना भी दिया जाता तो इसकी लागत काफी बढ़ जाती और ये कार किसी आम कार जितनी ही महंगी हो जाती ऐसे में ये कम कीमत वाली कार वाले अपने लक्ष्य से भी भटक जाती। ऐसे में कंपनी को ना चाहते हुए भी नैनो का प्रोडक्शन बंद करने का निर्णय लेना पड़ा।
जल्द भारत में दस्तक देगी Fisker Ocean Electric SUV, जानें क्या होगी खासियत टाटा मोटर्स ने नैनो को जनवरी 2008 में आटो एक्सपो के दौरान उतारा था। उस समय टाटा समूह Tata Group के प्रमुख रतन टाटा ने इसे ‘लोगों की कार कहा था। हालांकि, यह कार उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी और इसकी बिक्री में लगातार गिरावट आती रही।