कम रेंज पॉवर रखती हैं CNG कारें-
कहा जाता है कि सीएनजी कारें ज्यादा दूरी नहीं कर सकती है। जबकि उसके उलट सच ये है कि सीएनजी कारों में पेट्रोल इंजन लगा होता है, और सीएनजी खत्म होते ही वो अपने आप पेट्रोल में स्विच कर लेता है।
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सीएनजी कार का ड्राइविंग अनुभव बाकी कारों से बुरा-
हमारे यहां ये धारण है कि सीएनजी कारों को चलाने में वो मजा नहीं आता जो पेट्रोल-डीजल की कारों को चलाने में आता है। लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि इसके इंजन, चेसिस, सस्पेंसन तथा ब्रेकिंग को ज्यादा बेहतर परफॉर्मेंस व बेहतर ड्राइविंग अनुभव के लिए तैयार किया गया है।
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सेफ नहीं हैं सीएनजी कार-
सीएनजी कारो में प्रेशराइज्ड गैस होती है इसकी वजह से इसे सेफ नहीं माना जाता है । लेकिन ये फैक्ट भी गलत है । फैक्ट्री फिटेड कारों में कंपनियां टैंक में उपयोग होने वाले उपकरणों पर बहुत ही अधिक ध्यान देती है। जैसेकि मारुति सुजुकी एस-सीएनजी तकनीक में फेरल जॉइंट व लीक प्रूफ डिजाइन सीएनजी सिस्टम के साथ सुरक्षा सुनिश्चित करती है, साथ ही सीएनजी कारों को सीएनजी सिस्टम के साथ क्रैश-वॉर्थीनेस के लिए भी टेस्ट किया जाता है।
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खर्चीला मेंटीनेंस-
फैक्ट्री फिटेड सीएनजी कार में जैसे मारुति सुजुकी की एस-सीएनजी कारों को मेंटेन करना पेट्रोल/डीजल वाहनों जितना ही आसान है, इन्हें एक तय समय के बाद मेंटेंनेस की जरुरत पड़ती है।