इस कार को दिल्ली के रहने वाले हरपाल सिंह ने खरीदा था, जो कि एयर इंडिया के कर्मचारी थे। हरपाल को इस कार की चाबी खुद उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 14 दिसंबर, 1983 को सौंपी थी। जब शुरू में ये कार बेची गई थी तो उसके लिए लकी ड्रा निकाला गया था, जिसके बाद हरपाल सिंह को ये कार मिली थी। भारत में मारुति सुजुकी 800 देश की सबसे सस्ती कार के तौर पर आई थी, जिसे जनता की कार कहा जाता था। मारुति मोटर्स लिमिटेड ने सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के साथ 1981 में एक जॉइंट वेंचर बनाया था, जिसके बाद इस कार का प्रोडक्शन शुरू हुआ था।
आज देश में सबसे पहले बनने वाली मारुति सुजुकी 800 लावारिस हालत में पड़ी हुई है। मारुति सुजुकी 800 के पहले मालिक हरपाल सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं और उनकी पत्नी भी इस दुनिया में नहीं हैं। उनकी ये कार दिल्ली में ग्रीन पार्क में स्थित मकान के बाहर खड़ी है।
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इंजन और पावर की बात की जाए तो इस कार में 796 सीसी का 2 सिलेंडर वाला इंजन दिया गया था जो कि 37 बीएचपी की पावर और 59 एनएम का टार्क जनरेट करता है। इस कार में 4 स्पीड गियरबॉक्स दिया गया है। ये कार 144 किमी अधिकतम रफ्तार से दौड़ सकती थी और उस दौर की शानदार कार हुआ करती थी।