दरअसल ये कार की बॉडी पेंट पर एक मजबूत सतह की तरह लगाया जाता है जो कि कार के पेंट को पूरी तरह सुरक्षित रखता है। इसके अलावा इससे कार की बॉडी में एक अलग तरह ही चमक भी दिखती है। ये कार के पेंट की लाईफ को और भी बेहतर कर देता है। टेफलोन कोटिंग कार के भीतर भी की जाती है।
वॉशिंग:
वॉशिंग:
टेफलोन कोटिंग प्रॉसेस का सबसे पहला चरण होता है कार की वॉशिंग। कार को माइल्ड शैम्पू से पहले खूब अच्छी तरह से धुला जाता है ताकि कार की बॉडी पर किसी भी प्रकार की धूल मिट्टी आदि न लगी हो। कार के फाइबर पार्ट को भी ठीक प्रकार से धुला जाता है। कार की वॉशिंग के बाद उसे ठीक प्रकार से सुखाया जाता है। मुलायम कपड़े से कार की बॉडी को पोछा जाता है ताकि बॉडी पर किसी भी प्रकार की कोई गंदगी न रहे।
पॉलिशिंग:
पॉलिशिंग:
धुलाई के बाद नंबर आता है कार की पॉलिशिंग का, इसके लिए 3M वैक्स का प्रयोग किया जाता है।जो कि कार की बॉडी को एक अलग ही चमक देता है।इसके बाद ही आखिर में कार पर टेफलॉन कोटिंग की जाती है।
टेफलॉन कोटिंग: इसके लिए टेफलोन कैमिकल को पूरी कार एक मुलायम कपड़े से लगाया जाता है। ये कैमिकल बहुत ही अजीब गंध वाला होता है लेकिन एक बार जब ये सूख जाता है तो गंध अपने आप ही गायब हो जाती है।कार पर इस केमिकल को लगाने के बाद कार को सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है।
टेफलॉन सूखने के बाद सूखे कपड़े से कार को तबतक पोछा जाता है जबकि कि चमकदार लेयर न दिखने लगे। इस प्रकिया में काफी मेहनत करनी पड़ती है और ये हर किसी के लिए आसान नहीं होता है। इसलिए कुछ लोग इस प्रॉसेस में कपड़े के बजाय पॉलिशिंग इक्यूपमेंट का प्रयोग करते हैं।
टेफलॉन कोटिंग के फायदे:
टेफलॉन कोटिंग के फायदे: