दरअसल टाटा ने अपनी एक कार का नाम ही उस एम्प्लाई के नाम पर रख दिया। टाटा सूमो का नाम तो आप सभी ने सुना होगा लेकिन क्या आपको पता है कि इस कार को अपना नाम कैसे मिला। दरअसल टाटा मोटर्स के साथ सुमंत मूलगांवकर ने लगभग 40 सालों तक अलग-अलग पदों पर काम किया। सुमंत कंपनी के लिए बहुत खास थे वो हमेशा कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर रहते थे। कंपनी में रहते हुए सुमंत मूलगांवकर ने कई ऐसे कार्य और निर्णय लिए जिसके लिएआजभी कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी उन्हें याद करते हैं।
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कंपनी ने उन्हें ट्रिब्यूट देने के लिए 1994 में आई टाटा की एक एसयूवी कार का नाम उनके नाम के ही पहले अक्षरों से लेकर रखा और ‘सूमो’ के साथ लॉन्च किया। कंपनी ने सुमंत से ‘Su’ और मूलगांवकर से ‘Mo’ लेकर टाटा की इस एसयूवी का नाम रखा था और ये पहली बार था जब किसी कंपनी ने अपनी किसी अधिकारी को इतना बड़ा ट्रिब्यूट दिया। जमशेदपुर (झारखंड) की टेल्को कॉलोनी में उनके नाम पर स्टेडियम भी बनाया गया है।
टाटा सूमो से जुड़ी कुछ बातें-