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सबसे बड़ी बात ये है कि ये काम इतनी सफाई से किया जाता है कि लोगों को इसका पता तक नहीं चलता । खरीदार को इस बात का पता चल भी जाए तो ओडोमीटर फ्रॉड को साबित करना उसके लिए लगभग नामुमकिन होता है । आपको बता दें कि भारतीय मोटर वीइकल्स ऐक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत ओडोमीटर से छेड़छाड़ करने के वाले को सजा दिलाई जा सके । मीटर से छेड़छाड़ का शक होने पर आप सिर्फ पुलिस से धोखाधड़ी की शिकायत कर सकते हैं।
लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिससे कि आप मिनटों में कार के मीटर के साथ हुई छेड़छाड़ का पता लगा सकते हैं। लेकिन उन तरीकों को बताने से पहले हम आपको बताते हैं मीटर रीडिंग से छेड़छाड़ का तरीका कि आखिर इसे कैसे किया जाता है।
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मीटर के साथ छेड़छाड़-
आजकल कारें डिजिटल ओडोमीटर से लैस होती हैं जिनमें सर्किट बोर्ड के साथ चिप लगी होती है। इस कार कितने किमी चली है ये सारी जानकारी ओडोमीटर की उस चिप में होती है । रीडिग चेंज करने के लिए मेकैनिक या तो बोर्ड में लगी चिप को पूरी तरह बदल देते हैं या फिर OBD2 रीडर्स की मदद से ऑरिजनल चिप में रीडिंग को बदला जा सकता है।
ऐसे पता करें मीटर में छेड़छाड़ का-