मात्र 200 से 300 रुपए होगा खर्च-
लंबे समय तक डीजल या पेट्रोल इस्तेमाल करने से इंजन के फ्यूल इंजेक्टर्स पर कार्बन जम जाता है। गंदगी जम जाने की वजह से जंग की समस्या पैदा होने लगती है। जिसकी वजह से गाड़ी की स्मूदनेस खत्म हो जाती है और इंजन में वाइब्रेशन होने लगती है। जिससे गाड़ी के माइलेज पर भी असर पड़ता है। इस समस्या से निबटने में फ्यूल एडिटिव्स (Fuel Additives)आपकी मदद कर सकते हैं। ये फ्यूल एडिटिव्स (Fuel Additives) पॉकेट फ्रेंडली भी होते हैं और खर्च भी मात्र 200 से 300 रुपए ही आता है।
फ्यूल एडिटिव्स न केवल आपकी गाड़ी की फ्यूल एफिशिअंसी बढ़ाएंगे बल्कि आपको गाड़ी की टॉप स्पीड और परफॉरमेंस में भी साफ अंतर दिखाई देगा। पेट्रोल और डीजल कारों के लिए अलग-अलग फ्यूल एडिटिव्स आते हैं। ये एडिटिव्स फ्यूल इंजेक्टर्स की सफाई करने के साथ प्रदूषण में भी कमी लाते हैं।
2000 किमी पर बदलना पड़ता है एडिटिव्स-
आमतौर पर 50 लीटर टैंक के लिए एक बोटल काफी होती है। वहीं तकरीबन 100 किमी चलने के बाद इसके फायदे दिखने शुरू होते हैं। तकरीबन 2 हजार किमी तक होती है। इसके बाद आपको नए सिरे से टैंक में डालना होगा।