कार चालकों के लिए काम की वो 7 बातें, जिन्हें हमेशा करेंगे फॉलो तो हर सफर रहेगा सुहाना मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईफोन निर्माता के ऑटोमोटिव प्रयासों को प्रोजेक्ट टाइटन के रूप में भी जाना जाता है। इसकी शुरुआत 2014 से हुई और इसने पहली बार अपनी कार की डिजाइन बनाने की शुरुआत की। एक वक्त Apple ने सॉफ़्टवेयर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कोशिश को वापस ले लिया और अपने लक्ष्यों को पुनः प्राप्त किया।
ऐप्पल में काम कर चुके डौग फील्ड, जिन्होंने टेस्ला इंक में भी काम किया था, 2018 में इस परियोजना की देखरेख करने के लिए लौट आए और 2019 में टीम से 190 लोगों को निकाल दिया। इस प्रयास से परिचित दो लोगों ने कहा कि तब से Apple ने इतनी प्रगति की है कि अब इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए एक वाहन बनाने का है। Apple का लक्ष्य अल्फाबेट इंक की Waymo (बिना चालक वाली रोबो टैक्सी) से उलट यात्री वाहन बनाने की है।
Apple की बैटरी डिजाइन देख चुके एक व्यक्ति के मुताबिक कंपनी की रणनीति एक नई बैटरी डिज़ाइन है जो बैटरी की लागत को कम कर सकती है और वाहन की रेंज को बढ़ा सकती है। हालांकि Apple ने अपनी योजनाओं या भविष्य के उत्पादों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
वाहन बनाना Apple के लिए एक आपूर्ति श्रृंखला चुनौती को भी पेश करता है। प्रोजेक्ट टाइटन पर काम करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, “अगर ग्रह पर एक कंपनी है, जिसके पास ऐसा करने के लिए संसाधन हैं, तो यह शायद Apple ही है। लेकिन उसी वक्त ध्यान दें कि यह सेलफोन नहीं है।”
दुनिया की दिग्गज इलेक्ट्रिक कारों को मात देने वाली मेड इन इंडिया कार ने खत्म किया बड़ा इंतजार हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एप्पल-ब्रांड वाली कार को एसेंबल कौन करेगा, लेकिन सूत्रों ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि कंपनी वाहनों के निर्माण के लिए एक विनिर्माण भागीदार पर भरोसा करेगी। और अभी भी एक मौका है Apple एक ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम के लिए अपने प्रयासों के दायरे को कम करने का फैसला करेगा, जिसे एक पारंपरिक ऑटोमेकर द्वारा बनाई गई कार के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा।
वहीं, एप्पल की परियोजनाओं के बारे में जानकारी रखने वाले दो लोगों ने कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी की चेतावनी दी, जिससे इसके उत्पादन की शुरुआत 2025 या उससे आगे हो सकती है।