इस बाबत सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले माह 16 मार्च को एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया था, जिसमें टू-व्हीलर्स वाहनों में एबीएस या सीबीएस सिस्टम लगाने का निर्देश दिया था। इस ऐलान के बाद 1 अप्रैल 2018 से 125cc सेगमेंट वाले सभी टू-व्हीलर्स (बाइक और स्कूटर) में एबीएस होना अब जरूरी हो गया है। वहीं 125cc से कम क्षमता वाले टू-व्हीलर्स में कंबाइंड ब्रेकिंग सिस्टम (सीबीएस) लगाया जाएगा। यह नोटिफिकेशन उन कंपनियों पर भी लागू होगा जो कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में पंजीकरण करा चुकी है। अहम बात यह है कि जिन लोगो के पास टू-व्हीलर्स हैं उन्हें भी अपनी बाइक या स्कूटर में अगले वित्त वर्ष तक एबीएस फिट कर जरूरी होगा।
Disc ब्रेक वाली बाइक में एबीएस लगाने का खर्च करीब 600 रुपए आता है जबकि बिना Disc ब्रेक वाली बाइक में एबीएस का खर्च 5000 से 6000 रुपए तक आता है। आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 3.14 करोड़ गाड़ियों में से 2.3 करोड़ टू-व्हीलर्स हैं जबकि मुंबई में इस साल जनवरी तक टू-व्हीलर्स की संख्या 18 लाख बताई गई थी।
जानिए क्या फायदा होता है एबीएस फीचर का
बिना एबीएस वाली बाइक में अचानक ब्रेक लगाने पर बाइक अक्सर स्लिप हो जाती है। वहीं एबीएस वाली बाइक में ऐसा नहीं होता है। इस फीचर के होने पर फिसलन भरी सड़कों पर दुर्घटना की संभावना काफीकम हो जाती है। जबकि कंबाइंड ब्रेकिंग सिस्टम(CBS) में ब्रेक लगाने पर आगे और पीछे वाले व्हील्स में 60:40 अनुपात में ब्रेक लगते हैं जिसकी वजह से असरदार ब्रेक लगते हैं जिसकी वजह से वाहन गिरता नहीं है। कुल मिलाकर मंत्रालय को यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
बिना एबीएस वाली बाइक में अचानक ब्रेक लगाने पर बाइक अक्सर स्लिप हो जाती है। वहीं एबीएस वाली बाइक में ऐसा नहीं होता है। इस फीचर के होने पर फिसलन भरी सड़कों पर दुर्घटना की संभावना काफीकम हो जाती है। जबकि कंबाइंड ब्रेकिंग सिस्टम(CBS) में ब्रेक लगाने पर आगे और पीछे वाले व्हील्स में 60:40 अनुपात में ब्रेक लगते हैं जिसकी वजह से असरदार ब्रेक लगते हैं जिसकी वजह से वाहन गिरता नहीं है। कुल मिलाकर मंत्रालय को यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।