फूड टेक प्लेटफॉर्म ने ऑर्डर पूर्ति में गैप, खराब उपभोक्ता अनुभव और प्रतिद्वंद्वियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण शुरू की गई अपनी ग्रॉसरी डिलीवरी सर्विस को पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया है। कंपनी 15 मिनट में एक्सप्रेस डिलीवरी का वादा कर रही थी।
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बेहतर परिणाम मिलेंगे
कंपनी ने कहा कि ग्रोफर्स (Grofers) में उसके निवेश से उसके इन-हाउस ग्रॉसरी प्रयास की तुलना में बेहतर परिणाम मिलेंगे। जोमैटो ने अपने ग्रॉसरी पार्टनर्स को एक मेल भेजी है। इस मेल में Zomato के प्रवक्ता ने ग्रॉसरी डिलीवरी सर्विस को बंद करने की पुष्टि की है।
इसलिए बंद करने का निर्णय लिया
Zomato के प्रवक्ता का कहना है कि हमने अपने किराना पायलट को बंद करने का निर्णय लिया है। फिलहाल हमारे प्लेटफॉर्म पर किसी अन्य प्रकार की किराना डिलीवरी चलाने की कोई योजना नहीं है। कंपनी ने हाल में ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म ग्रोफर्स में 10 करोड़ डॉलर (745 करोड़ रुपए) के निवेश के साथ कुछ हिस्सेदारी खरीदी थी।
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कंपनी के सीएफओ अक्षत गोयल के अनुसार जोमैटो ने इस नए क्षेत्र का और अनुभव जुटाने के लिए तथा व्यापार को लेकर रणनीति एवं योजना बनाने के उद्देश्य से ग्रोफर्स में हिस्सेदारी खरीदी है।
उन्होंने कहा कि वे जल्द जोमैटो ऐप पर ऑनलाइन किराने का सामान बेचने की सेवाएं शुरू करेंगे। इसके साथ इस क्षेत्र में कदम रखेंगे तथा देखेंगे कि हम कितनी तेजी से आगे बढ़ते हैं।