भारत इस सम्मेलन में कोरोना महामारी के बाद बाजार के सामने मौजूद चुनौतियों, सुधार, निर्यात प्रतिबंध और पारदर्शिता के साथ किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा पर जोर देगा। भारत चाहता है कि विश्व व्यापार संगठन कोरोना महामारी से पैदा हुई बाधाओं को दूर करे। भारत के साथ विश्व व्यापार संगठन के 65 अन्य सदस्य देश भी विश्व व्यापार में कई तरह की छूट चाहते हैं।
कुछ प्रावधानों पर है आपत्ति
इस साल मई में विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक ने कृषि, व्यापार और खाद्य सुरक्षा पर तीन मसौदे लाए और दुनिया भर के मार्केट में खाद्य पदार्थों के निर्यात प्रतिबंधों से छूट दी। भारत को इन मसौदों के निर्णयों में कुछ प्रावधानों के बारे में आपत्ति है और मौजूदा मंत्रिस्तरीय व केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इसको लेकर चर्चा और बातचीत करेंगे। विश्व व्यापार संगठन में बातचीत के तहत एक महत्वपूर्ण मुद्दा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MAP) पर भारत के खाद्यान्न खरीद कार्यक्रम के संरक्षण से संबंधित है। इस सम्मेलन में भारत चर्चा के तहत एक अन्य मुद्दा उठाएगा, जो कृषि उत्पादों पर निर्यात प्रतिबंधों के साथ अन्य विषय से संबंधित है।
मत्स्य पालन समझौते को अंतिम रूप देना चाहता है भारत
भारत आगामी इस सम्मेलन में मत्स्य पालन समझौते को अंतिम रूप देना चाहता है। भारत का कहना है कि गरीब मछुआरों की आजीविका की रक्षा करने और राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए विशेष और विभेदक उपचार की आवश्यकता है। भारत का यह मानना है कि मात्स्यिकी समझौते को मौजूदा अंतरराष्ट्रीय उपकरणों और समुद्र के कानूनों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। तटीय राज्यों के संप्रभु अधिकारों के भीतर रहने वाले संसाधनों का पता लगाने और प्रबंधन करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि समुद्री अधिकार क्षेत्र को संरक्षित किया जाना चाहिए।
कोरोना महामारी से पैदा हुई बाधाओं को दूर करे विश्व व्यापार संगठन
भारत ने विकासशील देशों और कम से कम विकसित देशों (एलडीसी) द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकारों (ट्रिप्स) लचीलेपन के व्यापार-संबंधित पहलुओं का उपयोग करने में आने वाली कठिनाइयों की पहचान करने की मांग कर रहा है। भारत चाहता है कि विश्व व्यापार संगठन कोरोना महामारी से पैदा हुई बाधाओं को दूर करे।