मेलवेयर सबसे अधिक
वर्ष 2020 में 300 गुना साइबर अटैक बढ़ गया है। 38 फीसदी साइबर अटैक के खतरों से चिंतित हैं। साइबर अटैक के तहत सबसे अधिक 56 फीसदी मेलवेयर, 53 फीसदी रैंसमवेयर और 43 फीसदी फिशिंग अटैक हुए हैं।
वर्ष 2020 में 300 गुना साइबर अटैक बढ़ गया है। 38 फीसदी साइबर अटैक के खतरों से चिंतित हैं। साइबर अटैक के तहत सबसे अधिक 56 फीसदी मेलवेयर, 53 फीसदी रैंसमवेयर और 43 फीसदी फिशिंग अटैक हुए हैं।
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मानवीय गलतियों से हुए 51 फीसदी हमलेइनके अलावा 51 फीसदी साइबर अटैक हैकर्स से, 25 फीसदी बाहरी अटैक और 24 फीसदी साइबर अटैक मानवीय त्रुटियों की वजह से हुए हैं। वर्क फ्रॉम होम के दौरान अधिकतर लोग अपने पर्सनल कम्प्यूटर पर काम कर रहे हैं और उनमें सिक्योरिटी टूल्स नहीं होते। इस वजह से भी हमले बढ़े हैं। जबकि कंपनियां अपने ऑफिस में एक प्रोपर सिक्योरिटी सिस्टम इंस्टॉल करती हैं और प्रोटोकॉल फॉलो करती हैं जिसकी वजह से कंपनियों पर साइबर अटैक कामयाब नहीं हो पाते हैं।
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साइबर अटैक के ये रहे मुख्य कारणइस तरह होने वाले साइबर अटैक के अधिकतर कारणों के लिए मूलरूप से मानवीय गलती ही जिम्मेदार होती है। उदाहरण के लिए फिशिंग ई-मेल्स, मैसेज क्लिक करना, पॉप-अप विंडो के लिंक को ओपन करना, कम्प्यूटर में सिक्योरिटी टूल का नहीं होना, सिस्टम में ऑथेंटिक एंटीवायरस और एंटीमैलवेयर का नहीं होना, टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन नहीं होना, न्यूमेरिक-अल्फाबेटिक पासवर्ड नहीं होना, ये सभी ऐसे कारण हैं, जिन पर ध्यान देकर अधिकांश साइबर अटैक्स को रोका जा सकता है।