पीएमइजीपी के लक्ष्य
- रोजगार सृजन: देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाना।
- ग्रामीण विकास: ग्रामीण इलाकों में छोटे उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करना।
- आत्मनिर्भरता: बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके उद्यमशीलता कौशल का विकास करना।
- स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना: परंपरागत कारीगरों और हस्तशिल्प से जुड़े व्यक्तियों को उनकी कला और उत्पादों के लिए सहायता प्रदान करना।
नए व्यवसायों को होने वाले लाभ
- आर्थिक सहायता: इस योजना के तहत बैंक ऋण पर सब्सिडी प्रदान करता है, जो व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक रूप से सहायक होती है। परियोजना की कुल लागत का 15-35% तक की सब्सिडी उपलब्ध होती है।
शहरी क्षेत्र: 15-25% सब्सिडी।
ग्रामीण क्षेत्र: 25-35% सब्सिडी।
- व्यवसाय के प्रकार पर कोई प्रतिबंध नहीं: इसमें लगभग सभी प्रकार के उत्पादन और सेवा आधारित उद्योगों के लिए आवेदन किया जा सकता है।
- सरकार के जरिए मार्गदर्शन: प्रशिक्षण और व्यवसाय प्रबंधन में सहायता के लिए विशेष कार्यक्रम उपलब्ध हैं।
आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना में आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन के लिए पीएमइजीपी की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीयन करते समय अपनी एजेंसी केवीआइसी, डीआइसी या केवीआइ बोर्ड का चयन करना होता है। लाभार्थी को एक उद्यमिता विकास प्रशिक्षण (ईडीपी) में भाग लेना अनिवार्य है। यह प्रशिक्षण व्यवसाय के लिए आवश्यक कौशल और जानकारी प्रदान करता है।अतिरिक्त सहायता
लाभार्थियों के लिए नि:शुल्क उद्यमिता प्रशिक्षण (ईडीपी)।
परियोजना रिपोर्ट और बाजार रणनीतियों को तैयार करने में मार्गदर्शन।
कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से मदद और मार्गदर्शन।
योजना के अंतर्गत लाभ पाने के लिए समय-समय पर जागरूकता शिविरों का आयोजन।
-मोहित धमोड़, सीए