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वाहन मालिक को राहत प्रदान करता व्हीकल इंश्योरेंस

वाहन बीमा एक प्रकार का अनुबंध है, जिसमें बीमा कंपनी वाहन मालिक को उसके वाहन से संबंधित जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें वाहन दुर्घटना, चोरी, प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, तूफान या भूकम्प के साथ तीसरे पक्ष का नुकसान भी कवर किया जाता है, जो वाहन मालिक के लिए एक राहत है।

जयपुरSep 05, 2024 / 10:59 am

Jyoti Kumar

Vehicle Insurance

वाहन बीमा एक प्रकार का अनुबंध है, जिसमें बीमा कंपनी वाहन मालिक को उसके वाहन से संबंधित जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें वाहन दुर्घटना, चोरी, प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, तूफान या भूकम्प के साथ तीसरे पक्ष का नुकसान भी कवर किया जाता है, जो वाहन मालिक के लिए एक राहत है।
कितना कवरेज
वाहन इंश्योरेंस में जीरो डेथ कवर पॉलिसी ले सकते हैं। जैसे-जैसे गाड़ी पुरानी होती है, उसका प्रतिशत बढ़ता रहता है। जीरो डेथ कवर पांच या आठ साल तक ले सकते हैं। कार पॉलिसी में एड-ऑन व अन्य विकल्प भी रहते हैं।
बीमा के प्रकार
1.थर्ड पार्टी इंश्योरेंस: यह बीमा कानूनी रूप से अनिवार्य है। इसमें तीसरे पक्ष को होने वाली हानि या चोट का कवरेज होता है। यदि आपके वाहन से किसी अन्य व्यक्ति या उनकी संपत्ति को नुकसान होता है, तो यह बीमा उसकी क्षति का मुआवजा देता है।
2.कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस: यह बीमा आपके वाहन और तीसरे पक्ष दोनों के लिए कवरेज प्रदान करता है। इसमें प्राकृतिक आपदाओं, चोरी, आग और दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसान का भी कवरेज होता है। यह थोड़े ज्यादा पैसे लेकर अधिक सुरक्षा देता है।
15 लाख का कवरेज: इस कवरेज को लेने के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना कवर प्लान लेना होगा। दुपहिया वाहन चालकों को कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस या थर्ड पार्टी बाइक बीमा खरीदते समय व्यक्तिगत दुर्घटना कवर को लेना अनिवार्य है।
मिलती है कवरेज: इलाज का खर्च भी कवर किया जा सकता है। मृत्यु होने पर नॉमिनी को बीमा की पूरी रकम दी जाती है। परिवार के साथ यात्रा करने पर वह भी कवर होता है।
कानूनी रूप से जरूरी: थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस लेना कानूनी रूप से अनिवार्य है। किसी अन्य व्यक्ति या संपत्ति के नुकसान के लिए आप वित्तीय रूप से जिम्मेदार होते हैं।

नो क्लेम बोनस: यदि आप बिना किसी क्लेम के एक साल पूरा कर लेते हैं, तो आपको नो क्लेम बोनस मिलता है। इसका फायदा यह होता है कि आपकी पॉलिसी प्रीमियम राशि कम हो सकती है।
रोडसाइड असिस्टेंस: कई मोटर इंश्योरेंस में रोडसाइड असिस्टेंस जैसी सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जो सडक़ पर किसी भी समस्या का सामना करने में मदद करती हैं।

जरूरी डॉक्यूमेंट्स
क्लेम करते समय डीलर को वाहन के साथ आधार कार्ड, पैन कार्ड, डीएल, आरसी, बैंक पासबुक की कॉपी देनी पड़ती है। इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी गाड़ी का सर्वे कर तय करती है कि वह कितना मुआवजा देगी। बाकी के पैसे उपभोक्ता वहन करता है। गाड़ी ठीक हो जाने के बाद खाते में पैसे आ जाते हैं। पूरी प्रक्रिया में 10 से 15 दिन लग जाते हैं।

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