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गलत खाते में पैसे ट्रांसफर होने पर पहला कदम (UPI Wrong Transaction)
अगर आपने गलती से पैसे किसी गलत खाते में भेज दिए हैं, तो सबसे पहला काम है अपने बैंक को तुरंत सूचित करना। आप अपनी बैंक शाखा में जाएं या कस्टमर केयर से संपर्क करें और उन्हें पूरी स्थिति के बारे में बताएं। इसके लिए आपको निम्न 1.जानकारी देनी होगी
2.ट्रांजेक्शन की तारीख और समय।
3.ट्रांजेक्शन आईडी।
जिस खाते में पैसे गए हैं, उसका विवरण (यदि ज्ञात हो)। बैंक आपके अनुरोध को रिकॉर्ड करेगा और जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए हैं, उस व्यक्ति से संपर्क करेगा।
2.ट्रांजेक्शन की तारीख और समय।
3.ट्रांजेक्शन आईडी।
जिस खाते में पैसे गए हैं, उसका विवरण (यदि ज्ञात हो)। बैंक आपके अनुरोध को रिकॉर्ड करेगा और जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए हैं, उस व्यक्ति से संपर्क करेगा।
गलती से पैसे पाने वाले व्यक्ति का जवाब
अगर जिस व्यक्ति के खाते में पैसे गलती से ट्रांसफर हुए हैं, वह उन्हें वापस लौटाने के लिए तैयार हो जाता है, तो मामला आसान हो जाता है। हालांकि, अगर वह व्यक्ति पैसे लौटाने से मना करता है, तो आपको कानून का सहारा लेना होगा।कानूनी अधिकार और आरबीआई के नियम
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति के खाते में गलती (UPI Wrong Transaction) से पैसे पहुंच जाते हैं तो वह व्यक्ति कानूनी रूप से उन्हें वापस लौटाने के लिए बाध्य है। पैसे वापस न करना धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है और इसके लिए व्यक्ति पर कार्रवाई हो सकती है। आप इस स्थिति में पुलिस शिकायत दर्ज करा सकते हैं या उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।क्या बैंक की जिम्मेदारी बनती है?
यह समझना जरूरी है कि गलत ट्रांजेक्शन (UPI Wrong Transaction) के मामले में बैंक की कोई सीधी जिम्मेदारी नहीं होती। पैसा भेजने वाले को खाता नंबर और अन्य विवरण सही भरने की पूरी जिम्मेदारी होती है। अगर आपसे गलती हुई है, तो बैंक केवल मध्यस्थ के रूप में मदद कर सकता है, लेकिन पैसे वापस दिलाने की गारंटी नहीं देता।गलतियों से बचने के उपाय
गलत ट्रांजेक्शन (UPI Wrong Transaction) से बचने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:सही जानकारी डालें: खाता संख्या, आईएफएससी कोड, और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी को ध्यान से दर्ज करें।
जल्दबाजी न करें: ट्रांजेक्शन करते समय समय लें और सभी विवरण दो बार जांचें।
टेस्ट ट्रांजेक्शन करें: यदि आप पहली बार किसी व्यक्ति को पैसे भेज रहे हैं, तो पहले एक छोटा टेस्ट ट्रांजेक्शन (जैसे 1 रुपये का) करें।
कन्फर्मेशन का उपयोग करें: जहां भी संभव हो, पेमेंट करने से पहले बेनेफिशियरी के नाम की पुष्टि करें।
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आधुनिक बैंकिंग में बदलाव की पहल
RBI की नई पहल, जिसमें एनईएफटी और आरटीजीएस में बेनेफिशियरी नाम दिखाने की सुविधा लाई जा रही है, ट्रांजेक्शन को और सुरक्षित बनाएगी। यह सुविधा यूपीआई और आईएमपीएस की तरह होगी, जहां पैसे भेजने से पहले प्राप्तकर्ता का नाम दिखाई देता है। यह सिस्टम अगले कुछ महीनों में लागू हो सकता है।उपभोक्ताओं के लिए संदेश
डिजिटल पेमेंट (UPI Wrong Transaction) का उपयोग करते समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है। तकनीकी सुविधा आपके समय की बचत करती है, लेकिन गलतियों की गुंजाइश भी रहती है। ऐसे में जागरूकता और सावधानी ही आपके पैसे और समय को बचा सकती है। अगर आपसे कभी गलती हो भी जाए, तो घबराएं नहीं। तुरंत अपने बैंक को सूचित करें और कानूनी मदद लेने से भी न हिचकें। लेकिन सबसे बेहतर तरीका यही है कि हर ट्रांजेक्शन में सावधानी बरतें ताकि आपको इस तरह की समस्याओं का सामना ही न करना पड़े। (नोट: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी कानूनी या वित्तीय कार्रवाई से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।)