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Small Savings Schemes: छोटी-छोटी बचत पर पाएं मोटा रिटर्न और पैसा भी रहेगा सेफ

सरकार लोगों के फायदे के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जिनका लाभ लेकर आप ना सिर्फ अच्छी आमदनी कर सकते हैं, बल्कि सुरक्षित भविष्य भी बना सकते हैं। कुछ ऐसी ही योजनाएं हैं, जिनमें छोटा-छोटा निवेश या बचत के जरिए आपको खासा रिटर्न मिल जाता है। खास बात यह है कि इसमें आपका पैसा सुरक्षित भी रहता है।

Feb 08, 2022 / 04:04 pm

धीरज शर्मा

Top 5 Small Savings Schemes

सरकार लोगों के आर्थिक स्तर को बढ़ाने और भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इन योजनाओं के जरिए ना सिर्फ अच्छी आमदनी की जा सकती है, बल्कि बल्कि सुरक्षित भविष्य भी बनाया जा सकता हैं। पोस्ट ऑफिस से लेकर सुकन्या योजनाओं कुछ ऐसे ही सेविंग्स प्लान हैं जिनमें छोटी-छोटी बचत आपको मोटा रिटर्न तो देता ही है साथ ही आने वाले कल को सुरक्षित करने में भी मददगार साबित होता है। आपको ऐसी ही पांच योजनाओं के बारे में बताएंगे जो आपके आज के साथ-साथ कल यानी भविष्य को भी सुरक्षित करेगी।

इस खाते को कम के कम 500 रुपए से शुरू किया जा सकता है। इस खाते पर मौजूदा सालाना ब्याज दर 7.1 फीसदी है। इस खाते में एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपए और अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं।

यह हैं सुविधाः नॉमिनेशन, माइनर के नाम पर दूसरा PPF अकाउंट खोल सकते हैं, लोन ले सकते हैं, इंट्रा ऑपरेबल नेटबैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग के जरिए ऑनलाइन डिपॉजिट सुविधा, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक सेविंग्स अकाउंट से ऑनलाइन डिपॉजिट की सुविधा।
मैच्‍योरिटी पीरियड 15 साल है और चुनिंदा मामलों को छोड़कर इससे पहले क्‍लोज नहीं किया जा सकता।

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SSY में माता-पिता 10 वर्ष तक की आयु की बच्ची के नाम पर खाता खोल सकते हैं। एक बच्ची के नाम पर एक ही खाता खुलेगा। खाते को कम से कम 250 रुपए से शुरू कर सकते हैं। जबकि अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं। ब्याज दर की बात करें तो इस वक्त पोस्ट ऑफिस में सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट पर सालाना 7.6 फीसदी का ब्याज मिल रहा है। अधिकतम 15 साल तक निवेश किया जा सकता है। अकाउंट को लड़की के 21 साल का होने के बाद ही बंद किया जा सकता है। 18 साल में लड़की की शादी होने पर नॉर्मल प्रीमैच्‍योर क्‍लोजर की अनुमति है।

18 साल की उम्र के बाद बच्‍ची SSY अकाउंट से आंशिक तौर पर कैश निकासी कर सकती है। SSY में जमा की जाने वाली रकम पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।
इसके अलावा जमा रकम पर आने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाला पैसा भी टैक्स फ्री है।

KVP को कम से कम 1000 रुपए में लिया जा सकता है। जबकि अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है। KVP पर अभी सालाना 6.9 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। इस ब्याज दर से आपका पैसा 124 महीने की अवधि में डबल हो जाएगा। किसान विकास पत्र को जारी होने के ढाई साल बाद भुनाया जा सकता है।

KVP को सिंगल या ज्वॉइंट में, 10 साल से ज्यादा उम्र के नाबालिग और दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के नाम पर लिया जा सकता है। इसे किसी भी डिपार्टमेंटल पोस्‍ट ऑफिस से खरीद सकते हैं। इस योजना के तहत कितने भी खाते खोले जा सकते हैं। KVP को मैच्योरिटी से पहले किसी भी समय बंद किया जा सकता है लेकिन इसके लिए ये शर्तें लागू हैं।

SCSS के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र का शख्स अकाउंट खुलवा सकता है। अगर कोई 55 साल या उससे ज्यादा उम्र का है लेकिन 60 वर्ष से कम का है और VRS ले चुका है तो वह भी SCSS में अकाउंट खोल सकता है।
उसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक माह के अंदर यह अकाउंट खुलवाना होगा और इसमें डिपॉजिट किया जाने वाला अमाउंट, रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अमांउट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। बता दें कि SCSS पर मौजूदा ब्याज दर 7.4 फीसदी सालाना है।
इस अकाउंट में केवल एक ही बार निवेश किया जा सकता है, जो मिनिमम 1000 रुपए से लेकर अधिकतम 15 लाख रुपए तक है। इसमें डिपॉजिटर अपनी पत्नी/पति के साथ ज्वॉइंट में एक से ज्यादा अकाउंट भी रख सकता है, लेकिन सभी को मिलाकर मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट लिमिट 15 लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती।
SCSS का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है। इसके बाद SCSS और तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। जमाकर्ता को मिलने वाली ब्‍याज राशि 50,000 रुपए सालाना से ज्‍यादा हो तो TDS कटता है। इस स्कीम में जमा किए जाने वाले पैसे को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट प्राप्त है।

NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है। इस पर मौजूदा सालाना ब्याज दर 6.8 फीसदी है। NSC में कम से कम 1000 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। NSC में सिंगल या ज्वॉइंट में, 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग और दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के नाम पर निवेश किया जा सकता है। इसमें निवेश को आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स रिबेट प्राप्त है।

वैसे तो NSC को समय से पहले भुनाने की अनुमति नहीं है लेकिन एकल खाता धारक की मौत होने/संयुक्त खाते के मामले में एकल या सभी खाताधारकों की मृत्यु पर पर ऐसा किया जा सकता है। इसके अलावा राजपत्रित अधिकारी द्वारा जब्ती, न्यायालय द्वारा आदेश देने पर भी एनएससी के प्रीमैच्योर इनकैशमेंट की अनुमति है।

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