भारत मेरे लिए एक खास स्थान रखता है। मेरी पहली भारत यात्रा लगभग 20 साल पहले ऋ षिकेश, उत्तराखंड और फिर राजस्थान में हुई थी। यह यात्रा मेरे जीवन में एक बदलाव लेकर आई। यहां के लोगों की गर्मजोशी और आतिथ्य भावना ने मुझे गहराई से प्रभावित किया। ऐसा महसूस हुआ कि यहां के लोग जन्म से ही सेवा भाव में रचे-बसे हैं। भारत ने पिछले कई वर्षों में परिवर्तन देखा है, लेकिन यहां की आत्मीयता और विनम्रता आज भी बरकरार है। पिछले महीने की जयपुर यात्रा के दौरान, मैंने देखा कि किस प्रकार नई पीढ़ी के कारीगर अपनी पारंपरिक तकनीकों को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ रहे हैं।
जयपुर के पूर्व राजघराने की युवा सदस्य और अन्य स्टोर व म्यूजियम ने इस परंपरा को नए रूप में प्रस्तुत किया है। इन्होंने भारत की धरोहर को आधुनिक सृजन में पिरोने का काम किया है। यह सुनकर बेहद अच्छा लगा कि ये लोग भारतीय कारीगरी को दुनियाभर में ले जाने के मिशन पर काम कर रहे हैं। कुछ न्यूयॉर्क के मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट के साथ साझेदारी कर रहे हैं और अतीत की तकनीकों का उपयोग कर आज के लिए ज्वैलरी का निर्माण कर रहे हैं।
भारत का पर्यटन न केवल स्थानीय समुदायों के लिए बल्कि दुनियाभर के पर्यटकों के लिए भी खास अवसर प्रदान करता है। राजस्थान और भारत के इस अद्वितीय संयोजन का भविष्य निश्चित रूप से आशाजनक है।