दूसरी बार बढ़ाई अंडरराइटिंग दरें : इस साल अंडरराइटिंग दरें दूसरी बार बढ़ाई गई हैं। मार्च में दरें 4 से 5 फीसदी बढ़ाई गई थीं। वहीं, पिछले साल जून में इसमें 20 से 25 फीसदी की भारी बढ़ोत्तरी की गई थी।
चार से पांच गुना दावे मिले –
जीवन बीमा कंपनियों को पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष में कोविड से संबंधित मौतों के चार से पांच गुना अधिक क्लेम मिले हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। कोरोना महामारी से लोगों की आकस्मिक मौत के कारण बीमा कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ा है।
इस वजह से बढ़ जाएगा प्रीमियम –
इंश्योरेंस अंडरराइटिंग रेट के आधार पर इंश्योरेंस कंपनियां प्रीमियम तय करती हैं। अंडरराइटिंग में जितना जोखिम होगा, प्रीमियम उतना ही महंगा हो सकता है। कोरोना महामारी के चलते जोखिम बढ़ा है। इसलिए कंपनियों का कहना है कि उनके पास प्रीमियम बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।