रिटायर पायलट की फिर नियुक्ति पर विचार
एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी 300 विमानों के अधिग्रहण को लेकर बातचीत कर रही है। ऐसे में उनके ऑपरेशन के लिए पायलटों की आवश्यकता होगी। एयर इंडिया पांच साल के लिए फिर से नौकरी ज्वॉइन करने वाले पायलटों को कमांडर के रूप में नियुक्त करने पर विचार कर रही है।
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पांच साल की नौकरी
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एयरलाइन ने 5 साल की नौकरी के लिए रिटायर हो चुके पायलटों की सहमति मांगी है। तीन साल पहले रिटायर हो चुके पायलटों को एयरलाइन की तरफ से पत्र भेज दिया गया है। एयरलाइन की ये योजना ऐसे समय आई जब पूर्ण-सेवा वाहक ने केबिन क्रू सहित अपने कर्मचारियों के लिए एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना शुरू की, और साथ ही साथ एक बार नई भर्ती कर रहा है।
प्रशिक्षित पायलटों की कमी
पायलट एक एयरलाइन के लिए सबसे महंगी कर्मचारी होते है। कंपनी केबिन क्रू और विमान रखरखाव इंजीनियरों जैसी अन्य प्रमुख भूमिकाओं की तुलना में सबसे ज्यादा पायलटों को भुगतान करती है। इसके अलावा, घरेलू विमानन उद्योग में पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित पायलटों की कमी हमेशा से एक मुद्दा रहा है।
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अभी तक नहीं दी किसी ने सहमति
एयर इंडिया के उप महाप्रबंधक, विकास गुप्ता ने एक आंतरिक मेल में कहा कि सेवानिवृति के बाद अनुबंध की अवधि बढ़ाए जाने का विचार किया जा रहा है। ऐसी नियुक्तियों के लिए एयर इंडिया की नीति के अनुसार स्वीकार्य पारिश्रमिक और उड़ान भत्ते का भुगतान किया जाएगा। इच्छुक पायलटों को मेल के अनुसार 23 जून तक लिखित सहमति के साथ अपना विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। इस संबंध में एयर इंडिया के प्रवक्ता को भेजे गए सवाल का कोई जवाब नहीं मिला।