सबसे प्रमुख है रेंट एग्रीमेंट। यह 11 महीने का होता है और इसलिए हर 11 महीने पर इसे रिन्यू करवाना चाहिए। इसमें सभी जानकारी का साफ-साफ उल्लेख करें। इस पर दो गवाहों के हस्ताक्षर भी करवा लें, ज्यादा बेहतर होगा। इसी के साथ संपत्ति किराए पर देने के समय स्थानीय थाने से किरायेदार का सत्यापन भी करवाना चाहिए। किरायेदारों से मकान मालिक तय शर्त से ज्यादा किराया नहीं वसूल सकता है और न ही बढ़ा सकता है।
इसी के साथ उनको संपत्ति की सुविधाओं का उपयोग करने का अधिकार है। इन सुविधाओं में बिजली, पानी, गैस, और पार्किंग की जगह शामिल हो सकती है। किरायेदार को अपनी निजी जिंदगी का अधिकार है। यह अधिकार मकान मालिक को किरायेदार के घर में बिना अनुमति के प्रवेश करने से रोकता है। संपति खाली करते वक्त यदि कोई अग्रिम राशि जमा है तो उसे वापस लेने का अधिकार है।
संदीप लुहाडिय़ा, एडवोकेट