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Swiggy के प्रदर्शन में गिरावट के कारण (Swiggy Vs Zomato)
ब्रोकरेज फर्म ने एक नोट में बताया कि कंपनी के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें प्रबंधन की कार्यकुशलता और योजनाबद्ध तरीके से डार्क स्टोर्स तक अपनी पहुंच बढ़ाने में असफलता प्रमुख हैं। यह न केवल क्विक कॉमर्स की लाभप्रदता को प्रभावित करता है, बल्कि उपयोगकर्ताओं को बनाए रखने और अधिग्रहण लागतों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।मार्जिन और प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां
एमओएफएसएल ने स्विगी के फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स बिजनेस में मार्जिन विस्तार की सीमित संभावनाओं को दूसरा बड़ा जोखिम बताया है। इस वजह से कंपनी का मूल्यांकन (वैल्यूएशन) री-रेटिंग में देरी हो सकती है। इसके अलावा, फूड डिलीवरी, क्विक कॉमर्स और आउट फॉर होम सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने स्विगी की बाजार स्थिति को कमजोर किया है।Zomato के आगे कमजोर Swiggy
स्विगी और जोमैटो (Swiggy Vs Zomato) के प्रदर्शन की तुलना में, एमओएफएसएल का कहना है कि जोमैटो ने फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स दोनों में नेतृत्व किया है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा, शहरी समृद्ध उपभोक्ताओं के खर्च को लेकर दोनों कंपनियों के बीच जंग शुरू हो गई है। लेकिन फूड डिलीवरी के क्षेत्र में जोमैटो ने लगातार अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है, जबकि स्विगी के उपयोगकर्ता अधिक परिपक्व दिखते हैं।क्विक कॉमर्स में ब्लिंकिट की बढ़त
क्विक कॉमर्स की बात करें तो स्विगी (Swiggy Vs Zomato) ने इंस्टामार्ट के जरिए इस कैटेगरी का आविष्कार किया, लेकिन ब्लिंकिट और जेप्टो जैसी कंपनियां बाजार में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। ब्लिंकिट ने इस क्षेत्र में शुरुआती बढ़त हासिल की है, जबकि जेप्टो भी मजबूत प्रदर्शन कर रही है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा, क्विक कॉमर्स बाजार अभी नया है। इसमें स्टॉक कीपिंग यूनिट्स और रणनीतियों के अंतर के जरिए अवसर मौजूद हैं। विजेताओं की घोषणा करना अभी जल्दबाजी होगी। ये भी पढ़े:- शेयर बाजार में जोरदार उछाल, Sensex 800 अंको से ज्यादा उछला, Nifty में भी आई तेजी