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सुकन्या समृद्धि: लचीले बनाए गए बिटिया के भविष्य को संवारने के 5 नियम

ऐसे में जबकि अधिकांश निवेश साधनों पर रिटर्न कम हो रहा है और महंगाई बढ़ती जा रही है, युद्ध के चलते ग्रोथ रेट कम होने और अनिश्चितता के आसार हैं, स्वभाविक है कि लोग सुरक्षित निवेश और अधिक रिटर्न की वित्तीय योजनाओं की ओर मुड़ रहे हैं। ऐसे में कोई हैरानी नहीं कि सुकन्या समृद्धि (Sukanya Smridhhi) योजना को हाथों-हाथ ले रहे हैं। योजना की लोकप्रियता को देखते हुए सरकार भी इस योजना को और अधिक निवेशक फ्रेंडली (Investor Friendly) बना रही है।

Apr 21, 2022 / 11:49 am

Swatantra Jain

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जयपुर। अगर आपके घर में 10 साल से कम उम्र की बिटिया है, तो ये खबर आपके बहुत काम की है। केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि (Sukanya Smridhhi) योजना से जुड़े 5 बड़े बदलाव किए हैं। बदलाव के बाद इस योजना में निवेश को और आसान बना दिया गया है। ये बदलाव इस प्रकार हैं —
1. अब डिफॉल्ट नहीं होगा Sukanya Smridhhi खाता :

सुकन्या समृद्धि योजना में हर साल कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा करने का प्रावधान है। पहले न्यूनतम राशि जमा नहीं कराने पर अकाउंट डिफॉल्ट हो जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब अकाउंट को दोबारा एक्टिव नहीं कराने पर भी मैच्‍योर होने तक खाते में जमा राशि पर लागू
दर से ब्‍याज मिलता रहेगा।
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2. बेटी तीन, फिर भी ठीक

अब तक इस योजना में दो बेटियों के खाते पर ही 80C के तहत टैक्स छूट का प्रावधान था। तीसरी बेटी के लिए यह फायदा नहीं था। लेकिन अब अगर एक बेटी के बाद दो जुड़वां बेटियां हैं, तो इन दोनों के लिए भी खाता खोलने का प्रावधान है, और टैक्स छूट मिलेगा।
3. लड़की के हाथ में अकाउंट देने की उम्र बढ़ी

मौजूदा नियम के मुताबिक बेटी की उम्र 10 साल पूरी होने पर वह खुद अपने अकाउंट को ऑपरेट कर सकती थी। लेकिन अब बेटी की उम्र 18 साल पूरी होने पर ही उसे ऑपरेट करने का अधिकार मिलेगा। इससे पहले बेटी के अभिभावक इस अकाउंट को ऑपरेट कर सकेंगे। ये नियम बाल विवाह पर काबू पाने की दिशा में उठाया गया है।
4. अब खाता बंद कराना हुआ आसान

सुकन्या समृद्धि योजना के अकाउंट को पहले बेटी के गुजर जाने या उसका पता बदलने पर ही बंद क‍िया जा सकता था। लेकिन अब अगर अकाउंट होल्डर्स को अगर जानलेवा बीमारी हो जाए तो भी अकाउंट को बंद कराया जा सकता है। साथ ही अगर अभिभावक का निधन हो जाए तो भी अकाउंट मैच्योरिटी से पहले बंद कराया जा सकता है।
5. वित्त वर्ष के अंत में मिलेगा ब्याज

नए नियमों में तहत खाते में गलत ब्‍याज डालने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है। इसके अलावा खाते का सालाना ब्‍याज हर वित्‍त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा। पहले इसमें स्पष्टता नहीं थी।
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साल 2015 में शुरू हुई थी (Sukanya Smridhhi) सुकन्या समृद्धि योजना

बता दें, मोदी सरकार ने साल 2015 में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत आवेदक अपनी बेटी के नाम पर किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत आप अपने बिटिया के नाम कम से कम 250 रुपये की राशि से खाता खुलवा सकते हैं। जबकि इस योजना में अधिकतम 1.5 लाख रुपये सालाना जमा कर सकते हैं।
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Sukanya Smridhhi योजना में निवेश पर फिलहाल मिलता है 7.6 फीसदी सालाना ब्याज

सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश पर 7.6 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुलवाने के लिए आवेदक को फॉर्म के साथ पोस्ट ऑफिस या बैंक मेंअपनी बेटी का बर्थ सर्टिफिकेट भी जमा कराना होगा। इसके अलावा बच्ची और माता-पिता का पहचान पत्र (पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट) और जहां रह रहे हों उसका प्रमाण पत्र (पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, पानी का बिल) जमा कराना होगा।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा की गई राशि बच्ची की उम्र 21 साल होने पर मेच्योर हो जाती है। यानी आप 21 साल बाद पैसे की निकासी कर सकते हैं। हालांकि, 18 साल की उम्र के बाद अगर बेटी की शादी होती है तो पैसा निकाल सकते हैं। इसके अलावा 18 वर्ष की उम्र के बाद बेटी की पढ़ाई के लिए 50 फीसदी तक पैसा निकाल सकते हैं।

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