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प्रधानमंत्री मोदी की अमरीका यात्रा के बीच शेयर मार्केट ने तोड़े अब तक के सारे रिकॉर्ड, पहली बार 60 हजार के पार खुला सेंसेक्स

अमरीका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसकी वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों में गुरुवार को सकारात्मक रुख रहा। इससे यह संकेत मिला कि अभी अमरीकी सरकार राहत पैकेज को वापस लेने का कदम नहीं उठाएगी।
 
 

Sep 24, 2021 / 11:24 am

Ashutosh Pathak

नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री की अमरीका यात्रा और वहां के शीर्ष पांच कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से मुलाकात के बाद भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को शानदार अंक पर पहुंच गया। बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 60 हजार के पार खुला है। सेंसेक्स ने यह रिकॉर्ड तोड़ मुकाम पहली बार हासिल किया है।
बीएसई सेंसेक्स 273 अंकों की उछाल के साथ 60 हजार 158.76 पर खुला और थोड़ी देर में बढ़ते हुए 60 हजार 333 की नई ऊंचाई तक पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 75 अंक की उछाल के साथ 17 हजार 897.45 पर खुला और बढ़ते हुए 17 हजार 947.65 तक चला गया। निफ्टी का भी यह अब तक का रिकॉर्ड है।
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इससे पहले, गुरुवार को भी शेयर बाजार में शानदार तेजी देखी गई थी। दोपहर करीब सवा तीन बजे सेंसेक्स 1030 अंकों की भारी उछाल के साथ 59 हजार 957.25 पर पहुंच गया। इसके साथ ही सेंसेक्स निफ्टी ने ऊंचाई का रिकॉर्ड बनाया। गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 431 अंकों की तेजी के साथ 59 हजार 358.18 पर खुला।
अमरीका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसकी वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों में गुरुवार को सकारात्मक रुख रहा। इससे यह संकेत मिला कि अभी अमरीकी सरकार राहत पैकेज को वापस लेने का कदम नहीं उठाएगी। चीन के केंद्रीय बैंक ने बैंकिंग सिस्टम में नकदी डालकर एवरग्रांड मसल पर कुछ राहत देने की कोशिश की है।
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चीन की एक रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड दिवालिया होने की कगार पर है। इसका असर पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर पड़ा है। एवरग्रांड पर करीब 304 अरब डॉलर यानी करीब साढ़े 22 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। आशंका है कि यह कहीं चीन में अमरीका में सब प्राइम और लेहमैन ब्रदर्स जैसा संकट न बन जाए।
2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा भारतीय शेयर बाजार

अगले 3 वर्ष में भारत के शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों की कुल बाजार पूंजी ब्रिटेन और पूरे मिडिल-ईस्ट के स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों से ज्यादा हो जाएगी। गोल्डमैन सैक्स की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2024 तक भारतीय शेयर बाजार 5 ट्रिलियन डॉलर यानी 5 लाख करोड़ डॉलर का हो जाएगा। साथ ही भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन जाएगा।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था से पहले भारतीय शेयर बाजार 5 लाख करोड़ डॉलर के जादुई आंकड़े को छू लेगा। भारतीय शेयर बाजार को 5 लाख करोड़ डॉलर का बाजार बनाने में आइपीओ क ी अग्रणी भूमिका होगी। अगले 3 साल में आइपीओ के जरिए शेयर बाजार में 400 बिलियन डॉलर यानी करीब 3 लाख करोड़ रुपए की पूंजी आएगी। अभी भारतीय शेयर बाजार 3.5 ट्रिलियन डॉलर का है।
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन स्टार्टअप्स तेजी से विकास कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इनका आकार काफी बड़ा हो जाएगा। वर्ष 2021 में अब तक 27 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न बन चुके हैं। साथ ही भारतीय कंपनियों ने आइपीओ के जरिए इस साल 70,000 करोड़ रुपए से अधिक जुटाए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में देश में 67 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न की कैटिगरी में आते हैं। इनमें से ज्यादातर कंपनियां डिजिटल इकोनॉमी पर फोकस कर रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 12 से 24 महीने तक आइपीओ मार्केट में जोरदार तेजी दिखेगी। 3 साल में 150 कंपनियों के बाजार में लिस्ट होने की उम्मीद है। इससे बीएसई के मार्केट कैप में उछाल आएगा।

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