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EPF के लिए बढ़ सकती है सैलरी लिमिट, 15000 से 21000 करने पर विचार कर रही सरकार

कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल एक उच्च स्तरीय समिति ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत सैलरी लिमिट को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही कर्मचारियों की सैलरी ईपीएफ सैलरी लिमिट में 40 फीसदी का इजाफा हो सकता है।

Apr 19, 2022 / 07:49 am

धीरज शर्मा

Salary Limit May increase For EPF Govt Is Considering From 15000 To 21000

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल उच्च स्तरीय कमेटी ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि, ईपीएफओ की सैलरी लिमिट में इजाफा किया जाए। इसके तहत वेतन सीमा में करीब 40 फीसदी के इजाफे का प्रस्ताव दिया गया है। ऐसे मे सबकुछ ठीक रहा और सरकार ने इसे मंजूर कर लिया तो EPF सैलरी लिमिट मौजूदा 15,000 रुपए से बढ़ाकर 21,000 रुपए प्रति माह कर दी जाएगी। खास बात यह है कि समिति ने कहा है कि, सरकार सभी प्रस्तावों पर विचार करते हुए बैक डेट से वृद्धि को लागू कर सकती है।
क्या है समिति का प्रस्ताव?
उच्च स्तरीय समिति ने कहा है कि, सैलरी लिमिट को मौजूदा 15,000 रुपए से बढ़ाकर 21,000 रुपए प्रति माह कर दिया जाए। समिति का कहना है कि सरकार इस पर विचार भी कर रही है।

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इन लोगों को मिलेगा फायदा
समिति के प्रस्ताव को लागू किया जाता है तो, कीरब 7.5 लाख अतिरिक्त श्रमिकों को इसका फायदा मिलेगा। दरअसल उन्हें भी इस योजना के दायरे में शामिल किया जाएगा और वेतन में वृद्धि के लिए भी समायोजित करेगा जैसा कि 2014 में अंतिम संशोधन किया गया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘दि ईपीएफओ के न्यासी के केंद्रीय बोर्ड की ओर से इस सुझाव को स्वीकार कर लिया जाता है, तो यह उन नियोक्ताओं को राहत देगा, जो किसी भी अतिरिक्त वित्तीय बोझ को तुरंत उठाने के लिए अनिच्छुक हैं।’

बता दें कि नियोक्ताओं ने अपने परामर्श में महामारी के प्रकोप के कारण अपनी बैलेंस शीट पर तनाव का हवाला भी दिया। इसके साथ ही प्रस्तावित वृद्धि को लागू करने के लिए और समय मांगा।
सरकारी खजाने को भी राहत
माना जा रहा है कि, इससे सरकारी खजाने के लिए भी राहत की बात होगी, क्योंकि केंद्र वर्तमान में ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना के लिए हर साल लगभग 6,750 करोड़ रुपए का भुगतान करता है। सरकार इस योजना के लिए ईपीएफओ ग्राहकों के कुल मूल वेतन का 1.16 फीसदी योगदान करती है।
क्या है EPS के नियम
जब नौकरी शुरू करते हैं तो EPF के सदस्य बन जाते हैं। इसके साथ ही इसी दौरान हम EPS के भी सदस्य बन जाते हैं। कर्मचारी अपनी सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा EPF में देता है, इतनी ही रकम उसकी कंपनी की ओर से भी दी जाती है, लेकिन इसमें से एक हिस्सा 8.33 परसेंट EPS में भी जाता है।

मौजूदा समय में पेंशन योग्य वेतन अधिकतम 15 हजार रुपए ही है। यानि हर महीने पेंशन का हिस्सा अधिकतम (15,000 का 8.33%) 1250 रुपए होता है। ऐसे में कर्मचारी जब रिटायर होता है तो भी पेंशन की गणना करने के लिए अधिकतम वेतन 15 हजार रुपए ही माना जाता है। इसके तहत एक कर्मचारी EPS के तहत अधिकतम पेंशन 7,500 रुपए ही पा सकता है।

बता दें कि, आपने EPS में योगदान 1 सितंबर, 2014 से पहले शुरू किया है तो आपके लिए पेंशन योगदान के लिए मंथली सैलरी की अधिकतम सीमा 6500 रुपए होगी। 1 सितंबर, 2014 के बाद अगर आप EPS से जुड़े हैं तो अधिकतम सैलरी की सीमा 15,000 होगी।

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