खास बात यह है कि यह नई व्यवस्था कर्मचारियों के कंट्रीब्यूशन पर लागू होगी, नौकरी प्रदाता यानी एंप्लॉयर के योगदान पर यह लागू नहीं होगा। दरअसल ज्यादा सैलरी वाले टैक्स की बचत के लिए पीएफ में तय सीमा से ज्यादा पैसा जमा कर टैक्स सेविंग करते थे, लेकिन अब पीएफ पर मिलने वाले ब्याज को भी टैक्स के दायरे में लाया जा रहा है। इस व्यवस्था में एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड, वॉलन्टरी प्रोविडेंट फंड और इग्जेम्प्टेड प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स लगेगा। जानकार मानते हैं कि नए नियम का सीधा असर बड़ी सैलरी वालों पर पडे़गा।
75 साल से अधिक उम्र वालों को अब इनकम टैक्स रिटर्न भरने से मिलेगी छूट
वित्तमंत्री ने इस बार के बजट भाषण में 75 वर्ष से अधिक उम्र वालों को रिटर्न भरने से छूट देने की घोषणा की थी। पर आपको बतादें यह छूट सिर्फ ऐसे लोगों को मिलेगा जिनके पास आय का केवल पेंशन ही साधन है। कोरोना महामारी के चलते कर्मचारी बीते वर्ष एलटीसी का फायदा नहीं उठा पाए थे। पर इस बार सरकार ऐसे हितग्राहियों को नगद भुगतान करने का मन बनाई है जो टैक्स फ्री होगा। दूसरी ओर बीमा नियामक जिसे इरडा के नामसे जानते हैं उसने सभी जीवन बीमा कंपनियों को 1 अप्रैल से सरल पेंशन योजना लागू करने को कहा है। सरल पेंशन योजना के तहत बीमा कंपनियों को केवल दो (वार्षिकी) देने का प्रावधान होगा। इस सुविधा के साथ इरडा सरल पेंशन प्लान में होने वाली मैच्योरिटी पर लाभ देने से इनकार किया है। एक अप्रैल यानी नए बजट सत्र की शुरुआत से एलपीजी सिलेंडर यानी रसोई गैस के दामों में बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है।