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बुढ़ापे में नहीं होगी पैसों की किल्लत! पीएफ और ग्रेच्यूटी के पैसों का ऐसे इस्तेमाल करें

जवानी शान से गुजरे और बुढ़ापे में भी किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े। इसके लिए जरूरी है कि जवानी में ही आप रिटायरमेंट की प्लानिंग कर लेना चाहिए। अपने जीवन की कमाई एंप्लाईज प्रोविडेंट फंड (EPF) और ग्रेच्यूटी की प्लानिंग करके अपनी रिटायर होने के बाद आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते है।

Feb 02, 2022 / 12:47 pm

Shaitan Prajapat

Retirement Planning

Retirement Planning : हर इंसान चाहता है कि बुढ़ापे में उसके पास पैसों की किल्‍लत न हो। आपका बुढ़ापा ठाठ से कटने के लिए लोग अलग अलग तरीके से निवेश करते है। कई बार निवेश करने के बाद भी मनमुताबिक रिटायरमेंट फंड नहीं तैयार हो पाता है। जवानी शान से गुजरे और बुढ़ापे में भी किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े। इसके लिए जरूरी है कि जवानी में ही आप रिटायरमेंट की प्लानिंग कर लेना चाहिए। अपने जीवन की कमाई एंप्लाईज प्रोविडेंट फंड (EPF) और ग्रेच्यूटी की प्लानिंग करके अपनी रिटायर होने के बाद आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते है। इन पांच तरीकों से रिटायरमेंट फंड के तौर पर मोटी रकम इकट्ठा कर सकते हैं।

ईपीएफ में जमा होने दे पैसे
वर्तमान समय में ईपीएफ में सबसे ज्यादा ब्याज मिल रहा है। यहां पर जमा रकम पर 8.5 प्रतिशत ब्याज मिलता है। ईपीएफ में जमा रकम पर तीन साल ब्याज दिया जाता है। यानी कि अगर आपने 31 मार्च 2022 तक काम किया तो इसके बाद अपके खाते में पैसे जमा नहीं हो रहा है तो भी आपको वित्त 2024 तक जमा पैसों पर ब्याज मिलता है। सबसे खास बात ईपीएफ खाते में जमा पैसे पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है। आपको न सिर्फ मूल जमा पैसे पर ब्याज मिलता है बल्कि ब्याज पर भी ब्याज मिलता है। इसलिए ईपीएफ में जमा पैसे निकाले से बचे।

वित्तीय देनदारियों का जल्द करें निपटारा
आपको अपनी सभी देनदारियों का निपटारा जल्द करना चाहिए। जैसे कि होम लोन, कार लोन या अन्य किसी कर्ज की किश्त का भुगतान तुरंत करना चाहिए। इसे एकमुश्त चुकाने के लिए अपने पीएफ और ग्रेच्यूटी की रकम काम में ले सकते है।

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ज्यादा जोखिम वाले विकल्पों में न लगाएं पैसा
इस बात का सभी को खास ध्यान करना चाहिए, कि कभी भी हाई रिस्क वाले विकल्पों में निवेश नहीं करना चाहिए। हमेशा अपने रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार ही एसेट क्लासेज में पैसे लगाए। इसके लिए कम से मॉडेरेट रिस्क वाले डेट ओरिएंटेड प्रोडक्ट्स को चुन सकते हैं। आप पीपीएफ, म्चूयुअचल फंड्स की बैलेंस्ड एडवांटेड स्कीम्स और पोस्ट ऑफिस सेविंग्स में एकमुश्त निवेश जैसे विकल्पों आजमा सकते है।

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रेगुलर कैश फ्लो प्लानिंग
बचत और खर्च का बजट बनाना बहुत जरूरी होता है। आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया नहीं होना चाहिए। कैश फ्लो से बजट को संतुलन बनाना आसान होता हैं व्यापार में आमदनी और खर्च का समीकरण बनाए। मासिक पेंशन के अलावा नियमित तौर पर ब्याज या डिविडेंड पेमेंट के जरिए रेगुलर कैश फ्लो जरूर सुनिश्चित करें। जरूरतों के अनुसार, डाकघर बचत खाता में मासिक या तिमाही ब्याज भुगतान के विकल्प चुन सकते है। सीनियर सिटीजंस सेविंगस स्कीम (SCSS) में 7.4 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। इसमें 5 साल के लिए 10 लाख रुपए का निवेश कर सकते है।

आपात फंड बनाएं, हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें
किसी भी आकस्मिक खर्चे के लिए आपात फंड बनाएं। रिटायरमेंट के बाद करीब 5 लाख रुपए आपके पास तुरंत उपलब्ध हो सके। इसकी तैयारी होना चाहिए। ऐसे में आप पैसे का इस्तेमाल किसी मेडिकल इमरजेंसी या अन्य किसी विशेष जरूरतों के लिए कर सकते हैं। इस पैसे को रेगुलर बैंक डिपॉजिट या लिक्विड म्यूचुअल फंड स्कीम में रखा जा सकता है। मेडिकल खर्चों को लेकर एक और तैयारी बहुत जरूरी है, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना. आपके पास बेहतर कवरेज वाली हेल्थ पॉलिसी जरूर होनी चाहिए ताकि मेडिकल से जुड़े खर्च अधिक वित्तीय भार न डाल सके।

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